पूर्वी उत्तर प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने 136 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की वेधशाला, जो 1889 से मौसम का डेटा रख रही है, ने बताया कि इस अक्टूबर में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। यह बारिश 9 अक्टूबर 1900 के 138.9 मिमी के रिकॉर्ड को पार कर गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि मानसून के बाद भी इस क्षेत्र में बारिश ने कहर बरपाया है। मौसम विभाग ने अगले तीन घंटों में बलिया, मऊ, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर और आसपास के इलाकों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा) और मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
चेतावनी के अनुसार, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, महोबा, बांदा, हमीरपुर, फतेहपुर, जालौन, रायबरेली, कानपुर नगर, झांसी, आजमगढ़, मऊ, आंबेडकर नगर, जौनपुर, गोरखपुर, संत कबीर नगर, कुशीनगर, कानपुर देहात, उन्नाव, औरैया, लखनऊ, बाराबंकी, कन्नौज, हरदोई, सीतापुर, बहराइच, गोंडा, महाराजगंज और सिद्धार्थ नगर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने की आशंका है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारी बारिश उत्तरी छत्तीसगढ़, उत्तरी ओडिशा और झारखंड के ऊपर बने निम्न दाब क्षेत्र के कारण हो रही है।
बलिया-गाजीपुर में अचानक बाढ़ का खतराइस तीव्र बारिश ने क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। साउथ एशिया फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम (एसएएफएफजीएस) ने पूर्वी यूपी के चार जिलों—बलिया, गाजीपुर, मऊ और देवरिया—में तत्काल चेतावनी जारी की है। इन जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों में अगले 6 घंटों तक मध्यम से गंभीर फ्लैश फ्लड का खतरा है। खासकर बलिया में अगले 24 घंटों तक अचानक बाढ़ की आशंका सबसे ज्यादा है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें हाई अलर्ट पर हैं और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
सुबह तक जमकर बरसे बादलशनिवार सुबह 8:30 बजे तक पूर्वी यूपी में भारी बारिश दर्ज की गई। कुछ प्रमुख स्थानों पर बारिश की मात्रा इस प्रकार रही:
- दह (मिर्जापुर): 67 मिमी
- वाराणसी एयरपोर्ट (बाबतपुर): 56.9 मिमी
- केवीके कुशीनगर: 54 मिमी
- डगमापुर (मिर्जापुर): 53 मिमी
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