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NASA में भारतीय मूल की नीला राजेंद्र पर गिरी गाज, ट्रंप का आदेश बना वजह

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA की एक खबर ने हाल ही में सुर्खियां बटोरीं, जब भारतीय मूल की नीला राजेंद्र को उनके पद से हटा दिया गया। नीला, जो NASA की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL) में विविधता, समानता और समावेशन (DEI) की प्रमुख थीं, को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक कार्यकारी आदेश के बाद नौकरी से निकाल दिया गया। इस आदेश में सभी सरकारी एजेंसियों से DEI कार्यक्रमों को बंद करने और संबंधित कर्मचारियों को हटाने का निर्देश दिया गया था। आइए जानते हैं कि नीला राजेंद्र कौन हैं और उनकी बर्खास्तगी के पीछे की कहानी क्या है।

नीला राजेंद्र का सफर

नीला राजेंद्र एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से NASA जैसे प्रतिष्ठित संगठन में अहम जगह बनाई। उन्होंने नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और संगीत में स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स पूरा किया। 2021 में वे NASA की JPL में DEI प्रमुख के रूप में शामिल हुईं। इस भूमिका में उन्होंने ‘स्पेस वर्कफोर्स 2030’ जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम किया, जिसका उद्देश्य महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों को अंतरिक्ष क्षेत्र में अधिक अवसर देना था। उनकी कोशिशों ने NASA के कार्यबल को और समावेशी बनाने में मदद की।

ट्रंप का आदेश और NASA का प्रयास

जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि DEI कार्यक्रम अमेरिकियों को नस्ल, रंग और लिंग के आधार पर बांटते हैं, करदाताओं के पैसे की बर्बादी करते हैं और भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। इस आदेश के बाद NASA ने मार्च में अपनी DEI इकाई को बंद कर दिया। हालांकि, नीला को बचाने के लिए NASA ने उनकी पदवी बदलकर ‘ऑफिस ऑफ टीम एक्सीलेंस एंड इंप्लॉई सक्सेस’ का प्रमुख बना दिया। इस नए पद पर भी उनकी जिम्मेदारियां पहले जैसी ही थीं, जैसे ‘ब्लैक एक्सीलेंस स्ट्रैटेजिक टीम’ जैसे समूहों का नेतृत्व करना। लेकिन यह बदलाव भी नीला को नहीं बचा सका।

बर्खास्तगी और उसका प्रभाव

अप्रैल 2025 में NASA ने नीला राजेंद्र को JPL से हटा दिया। JPL की निदेशक लॉरी लेशिन ने एक ईमेल में कर्मचारियों को सूचित किया कि नीला अब उनके साथ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने संगठन पर अमिट छाप छोड़ी है। इस खबर ने न केवल नीला के समर्थकों को निराश किया, बल्कि यह भी सवाल उठाया कि क्या विविधता और समावेशन के प्रयासों को इस तरह समाप्त करना उचित है। नीला ने अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल पर लिखा था कि उनका लक्ष्य था “हमारे सामूहिक सपनों को साकार करना और महान कार्यों को एकजुट होकर अंजाम देना।” उनकी बर्खास्तगी ने इन सपनों पर एक अनिश्चितता का साया डाल दिया।

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