– इसी माह से राज्य के सरकारी कर्मचारियों को केन्द्र के समान मिलेगा डीए, आदेश जारी
भोपाल, 08 मई . मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया है. इसी माह से राज्य के सभी कर्मचारियों को इसी मई के माह से ही केन्द्र के कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता मिलेगा. इस संबंध में गुरुवार देर शाम राज्य शासन ने आदेश जारी किया है. इसका फायदा कर्मचारियों के साथ ही पेंशनर्स को भी मिलेगा. इसके अलावा छठवां वेतनमान पा रहे कर्मचारियों के भी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के आदेश जारी किए गए हैं.
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसी महीने महंगाई भत्ता बढ़ाकर 55 फीसदी करने की घोषणा की थी. पिछली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गई थी. कैबिनेट के फैसले के बाद वित्त विभाग ने शासकीय सेवकों को बड़ी राहत देते हुए महंगाई भत्ते की दर में वृद्धि का आदेश जारी किया है.
दो चरणों में बढ़ेगा डीए
जारी आदेशानुसार, सातवें वेतनमान के तहत आने वाले कर्मचारियों को वर्तमान 50 फीसदी महंगाई भत्ते के स्थान पर दो चरणों में बढ़ा हुआ भत्ता मिलेगा. एक जुलाई 2024 से महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़कर 53 फीसदी किया गया है, जिसका भुगतान अगस्त 2024 के वेतन में होगा. इसी तरह एक जनवरी 2025 से इसमें और दो प्रतिशत की वृद्धि कर इसे कुल 55 फीसदी कर दिया जाएगा, जिसका भुगतान फरवरी 2025 के वेतन के साथ किया जाएगा.
मई 2025 से मिलेगा लाभ, एरियर पांच किश्तों में
राज्य शासन ने स्पष्ट किया है कि इस वृद्धि का वास्तविक लाभ 1 मई 2025 से दिया जाएगा और 1 जुलाई 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक की एरियर राशि का भुगतान जून से अक्टूबर 2025 के बीच पांच किश्तों में किया जाएगा.
सेवानिवृत्त व दिवंगत कर्मियों को एकमुश्त भुगतान
1 जुलाई 2024 से 31 मई 2025 के बीच सेवानिवृत्त हो चुके शासकीय कर्मचारियों को एरियर की पूरी राशि का एकमुश्त भुगतान किया जायेगा. इसी तरह एक जुलाई 2024 से 31 मई 2025 की अवधि में मृत कर्मचारियों के परिजनों को एरियर की पूरी राशि एकमुश्त प्रदान की जाएगी.
अन्य निर्देश
वहीं, एक अन्य निर्देश में कहा गया है कि 50 पैसे या उससे अधिक की राशि को अगले पूर्णांक रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा. महंगाई भत्ते का कोई भी भाग वेतन के रूप में नहीं माना जाएगा. इस भुगतान का व्यय संबंधित विभाग के चालू वित्तीय वर्ष के स्वीकृत बजट प्रावधान से अधिक नहीं होना चाहिए.
तोमर