वाराणसी, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Uttar Pradesh के वाराणसी में लोकतंत्र सेनानी और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रहलाद तिवारी का sunday को निधन हो गया. उनके निधन की खबर फैलते ही शोक की लहर दौड़ गई. राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े अनेक लोगों ने उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
Uttar Pradesh सरकार में आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने भी दारानगर स्थित उनके आवास पहुंचकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर पुलिस टुकड़ी ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी. इसके पश्चात उनके पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा दारानगर से मणिकर्णिका घाट के लिए निकली. अंतिम यात्रा में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, अधिवक्ता समुदाय तथा बड़ी संख्या में परिचित शामिल हुए.
मणिकर्णिका घाट पर प्रहलाद तिवारी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ. उनके छोटे पुत्र पुष्कर तिवारी ने उन्हें मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के समय कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे, अशोक पाण्डेय, अरुण सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता अमरनाथ शर्मा, रामजन्म सिंह, शैलेश सिंह, सभाजीत सिंह, मुरलीधर सिंह, राम अवतार पांडेय, अजय विक्रम सहित अन्य विशिष्ट जन उपस्थित रहे.
बताते चलें कि प्रहलाद तिवारी ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया था. उनके निधन को लोकतंत्र और समाज के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है. अधिवक्ता प्रहलाद तिवारी ने पिछले वर्ष आपातकाल को याद कर बताया था कि उनके हाथ-पैर में बेड़ियां डालकर तन्हाई में रखा गया था. कल्याण सिंह और लालमुनि चौबे के विरोध के बाद उन्हें कुछ राहत मिली. सभी लोग राजनैतिक कैदी के रूप में जेल में रहे. अधिवक्ता ने बताया था कि पहले उन्हें डिफेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट में बंद किया गया था. इसमें उन्हें छह महीने में बेल मिल गई. वे राजनैतिक रूप से जब पुन: सक्रिय हुए तो दोबारा मीसा में बंद कर दिया गया.
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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