New Delhi, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) . दिल्ली विधानसभा ने दिल्ली के पूर्व Chief Minister अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप-Chief Minister मनीष सिसोदिया की दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति की ओर से फांसी घर के रेनोवेशन में सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के मामले पर जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली याचिका का विरोध किया है. दिल्ली विधानसभा की ओर से पेश वकील जयंत मेहता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि ये समन केवल विशेषाधिकार समिति का सहयोग करने के लिए जारी किया गया है ताकि फांसी घर की सच्चाई का पता लगाया जा सके. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान केजरीवाल और सिसोदिया के वकील शादान फरासत ने कई सारे फैसलों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य है. उन्होंने कहा कि विशेषाधिकार समिति का ये कदम डराने वाला है , वो भी तब जबकि इस समिति को केवल ये तय करने का अधिकार है कि विशेषाधिकार का हनन हुआ है कि नहीं. फरासत ने कहा कि ऐसे समन विधानसभा के सुगम संचालन के लिए ही जारी किए जाते हैं. फांसी घर से विधानसभा के संचालन का क्या मतलब. विधानसभा भी नहीं चल रही है और कोई विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी लंबित नहीं है.
दिल्ली विधानसभा की ओर से वकील जयंत मेहता ने कहा कि ये याचिका सीधे सीधे बंदूक तानने जैसा मामला है और इस नोटिस का किसी भी विशेषाधिकार हनन से मतलब नहीं है. ये समन केवल विशेषाधिकार समिति को सहयोग करने के लिए जारी किया गया है कि फांसी घर की हकीकत का पता चल सके. समिति केवल तथ्य का पता लगाना चाहती है.
11 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि याचिका प्रथम दृष्टया सुनवाई योग्य नहीं है. सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं लगती है. केजरीवाल और सिसोदिया ने याचिका दायर कर दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति की ओर से फांसी घर के रेनोवेशन में सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के मामले पर जारी किए गए समन को चुनौती दी है.
दरअसल, दिल्ली विधानसभा परिसर के अंदर पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी की सरकार ने अघस्त 2000 में एक फांसी घर का उद्घाटन किया था. इस फांसी घर को ब्रिटिश कालीन बताया गया था. हालांकि वर्तमान भाजपा सरकार ने इस दावे को गलत बताया है और वो एक टिफिन रुम था. भाजपा सरकार ने केजरीवाल और सिसोदिया पर इतिहास के साथ तोड़-मरोड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसके निर्माण पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया गया. भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति 13 नवंबर को बैठक कर इस फांसी घर की सत्यता की पड़ताल करेगी.
केजरीवाल और सिसोदिया ने याचिका दायर कर कहा है कि विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही किसी शिकायत या रिपोर्ट के आधार पर या किसी विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर नहीं की गई है . ऐसे में विशेषाधिकार समिति की ये बैठक दिल्ली विधानसभा और खासकर इसके विशेषाधिकार समिति के अधिकार क्षेत्र के बाहर है. ये कार्यवाही पूरी तरह से गैरकानूनी और क्षेत्राधिकार के बाहर है. ये कार्यवाही याचिकाकर्ताओं के संविधान को अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
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