दुमका, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के जरमुंडी प्रखंड के चमराबहियार पंचायत अंतर्गत आदिवासी बहुल बेदिया गांव में गुरुवार को डायरिया से बबलू किस्कू (60) और सोना बास्की (61) सहित दो की मौत हो गई।
वहीं कुछ दिनों पूर्व भी एक महिला और छह माह के बालक सहित दो लोगों की मौत डायरिया से चुकी है। यह जानकारी क्षेत्र में कार्य करने वाले समाजिक कार्यकर्ता सह ग्रामीण सुलेमान मरांडी ने गुरुवार को दी। उन्होंने सूबे के पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को भी इसकी जानकारी दी।
पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेते हुए एक्स हैंडल पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, उपायुक्त अभिजीत सिन्हा को टैग करते हुए तत्काल राहत पहुंचाने की बात कही।
उन्होंने आग्रह किया कि गांव में जीवनरक्षक दवाईयां और स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी जाए। वहीं मंत्री इरफान अंसारी ने भी एक्स हैंडल के माध्यम से मामले को संज्ञान में लाते हुए सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी को गांव पहुंचकर मामले की जानकारी लेने का निर्देश दिया। इसके बाद सिविल सर्जन स्वास्थ्य कर्मियों की टीम के साथ गांव पहुंच ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता सुलेमान मरांडी ने बताया कि इसके पूर्व गांव में सात जुलाई को संगीता मरांडी (21) और 13 जुलाई को छह माह के बालक अरविंद सोरेन की भी मौत हो गई थी। घटना को लेकर पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। महज एक महीने के अंदर चार लोगों की मौत हो जाने से ग्रामीण काफी डरे हुए हैं।
सिविल सर्जन पहुंचे बेदिया गांव
पूर्व विधायक सह पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख की ओर से सूचना देने के बाद मंत्री इरफान अंसारी, उपायुक्त अभिजीत सिन्हा के निर्देश पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग की टीम बेदिया गांव पहुंची। सिविल सर्जन डॉ कमलेश्वर प्रसाद, चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सुनील कुमार सिंह, डाॅ अभिषेक कुमार और सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने बेदिया गांव में ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच कर आवश्यक दवाईयां दीं। इस क्रम में ग्रामीणों से स्वच्छता अपनाने और बीमार पड़ने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने की बात कही।
चिकित्सा पदाधिकारी ने नहीं की डायरिया की पुष्टि
मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने गांव में डायरिया की पुष्टि नहीं की। उन्होंने बताया कि गांव में डायरिया का एक भी केस नहीं मिला। उन्होंने बताया कि बबलू मरांडी को एक-दो लूज मोशन हुआ था। इसके बाद परिजनों ने लोकल प्रैक्टिशनर से इलाज कराया था। उन्होंने बताया कि मौत का कारण इनडाइजेशन भी हो सकता है।
वहीं सोना बास्की की मौत का कारण उन्होंने (कार्डियक अटैक) हृदयाघात बताया। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दिनों 7 जुलाई को संगीता मरांडी की मौत भी लूज मोशन से हुई थी। संगीता का मायका जरमुंडी प्रखंड के रांगा गांव में है। उन्होंने कहा कि जो भी हुआ है, वह दूसरी जगह से आया है। डॉ सुनील सिंह ने कहा कि छह माह के बच्चे की मौत की वजह ठीक से दूध न पीना या अन्य कारणों से हो सकता है। प्रभारी डॉ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि गांव में कैंपेनिंग के दौरान 10-12 ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। उनमें डायरिया जैसे लक्षणों की जानकारी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि एहतियातन एएनएम को रोज गांव आकर ग्रामीणों की जांच करने को कहा गया है।
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(Udaipur Kiran) / नीरज कुमार
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