नई दिल्ली, 12 अप्रैल . विद्युत मंत्रालय के तहत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान रिकॉर्ड समय में करीब 7.5 गीगावाट की 6 हाइड्रो पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर सहमति व्यक्त की है, जो उन्नत दीर्घकालिक ऊर्जा भंडारण समाधान विकसित करने के लिए भारत की चल रही प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं.
विद्युत मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि तकनीकी-आर्थिक मंजूरी निकाय केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान रिकॉर्ड समय में करीब 7.5 गीगावाट की छह हाइड्रो-पंप स्टोरेज परियोजनाओं को मंजूरी दी है. मंत्रालय के मुताबिक ये छह परियोजनाएं है, ओडिशा में अपर इंद्रावती (600 मेगावाट), कर्नाटक में शरावती (2,000 मेगावाट), महाराष्ट्र में भिवपुरी (1,000 मेगावाट) और भवाली (1,500 मेगावाट), मध्य प्रदेश में एमपी-30 (1,920 मेगावाट) और आंध्र प्रदेश में चित्रावती (500 मेगावाट).
मंत्रालय के मुताबिक सीईए ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान करीब 22 गीगावॉट की कम से कम 13 पीएसपी को मंजूरी देने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. मंत्रालय ने कहा कि इनमें से अधिकांश पीएसपी को 4 साल में और 2030 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. इन परियोजनाओं के विकास से देश में ऊर्जा भंडारण क्षमता में भारी वृद्धि होगी, जिससे ग्रिड विश्वसनीयता में बड़ा योगदान मिलेगा. इससे भारत के महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को समर्थन मिलेगा. मंत्रालय के मुताबिक यह पीएसपी डेवलपर्स और मूल्यांकन संगठनों (सीडब्ल्यूसी, जीएसआई और सीएसएमआरएस) के सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है.
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/ प्रजेश शंकर
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