अशोकनगर, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिला अस्पताल में 22 वर्षों के बाद भी जिला अस्पताल स्तर की सुविधाओं का विस्तार नहीं हो सका है और व्यवस्थाओं के तौर पर सभी कुछ जुगाड़ से जुटाकर अस्पताल को संचालित किया जा रहा है।
दर असल जिला अस्पताल दो सौ बेड की क्षमता का अस्पताल है और जहां करीबन तीन सौ से अधिक मरीजों का उपचार कराने आना होता है। इस प्रकार क्षमता से अधिक मरीजों का आना और फिर सभी का उपचार होना यहां अस्पताल प्रबंधन के लिए व्यवस्थायें जुटाना किसी जुगाड़ से कम नहीं।
इन व्यवस्थाओं को जुटाने के लिए कलेक्टर आदित्य सिंह की निगाहें बड़ी चौकस रहीं हैं, साथ ही नव पदस्थ सीएमएचओ डॉ.अलका त्रिवेदी और सिविल सर्जन डॉ.भूपेन्द्र शेखावत व्यवस्थायें जुटाने कदमताल कर रहे हैं।
मेडिकल आफीसर और विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद रिक्त
अस्पताल में सुधारों के लिए प्रयत्न किए जाने के बीच आज भी जिला अस्पताल मेडीकल आफीसर, स्टाफ और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। अस्पताल में 17 मेडिकल आफीसरों के पदों में से 9 पद रिक्त हैं, 6 शिशु रोग विशेषज्ञों में 4 पद रिक्त हैं, नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर का पद खाली है, चर्मरोग डॉक्टर कोई है नहीं, स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी, सहायक प्रबंधक का पद रिक्त है। इसी के साथ ही अस्पताल के अन्य स्टाफ,कर्मचारियों में भी 65 फीसदी स्टाफ ही कार्यरत है।
पुराने भवन में संचालित अस्पताल
दो दशकों बाद भी डॉक्टर और स्टाफ की कमी के बावजूद पुराने भवन में ही जिला अस्पताल संचालित हो रहा है। पुराना भवन होने के कारण कभी बिजली की समस्या तो कहीं इस प्रकार आपातकालीन सेवाओं में कमी आए दिन सुर्खियां बनती हैं।
दो वर्ष में मिलेगा तीन सौ बेड का नवीन अस्पताल
जिले में मरीजों की क्षमता को देखते हुए नवीन जिला अस्पताल भवन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सिविल सर्जन डॉ.भूपेन्द्र शेखावत का कहना कि दो वर्षों में नवीन तीन सौ बेड का जिला अस्पताल बनने के उपरांत मरीजों को उचित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। वर्तमान अस्पताल भवन में शहरी एवं मातृ एवं शिशुओं के लिए स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध रहेंगी।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार
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