वाराणसी,12 अप्रैल . हनुमज्जयंती (हनुमत जयंती)के अवसर पर शनिवार भोर से ही श्री संकट मोचन मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर बजरंगबली के जयकारे से गुंजायमान रहा. इस अवसर पर श्री संकट मोचन मंदिर में महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने भक्तों में प्रसाद वितरण किया. प्रांगण में स्वर्ण प्रताप चतुर्वेदी के आचार्यत्व में रामार्चा पूजन एवं रुद्राभिषेक किया गया.
वाल्मिकी रामायण के सुंदर कांड का पाठ राघवेंद्र पांडेय ने किया. अखंड रामचरित मानस का चैती में गायन रामकृष्ण मिशन एवं अन्य कीर्तन मंडलियों द्वारा किया गया. वहीं, हनुमान बैठकी में राजेश दीक्षित द्वारा हनुमान जी का श्रृंगार किया गया. मंदिर के कीर्तन मंडलियों द्वारा अखंड सीताराम कीर्तन का पाठ हुआ. इस अवसर पर शहनाई वादन वाराणसी के कलाकारों द्वारा किया गया. संकट मोचन मंदिर में तीन बजे भोर से ही हजारों लोग जुट गये थे. मंदिर में पवनपुत्र की आरती के साथ ही 2500 किलो लड्डू का भोग आकर्षण का केंद्र रहा.
इस अवसर पर मंदिर परिसर में हनुमान चालीसा, बजरंगबाण, हनुमानष्टक एवं सुंदरकांड का सस्वर पाठ किया गया. 13 अप्रैल से 15 अप्रैल 2025 तक सायं पांच से रात्रि 10:00 बजे तक मंदिर प्रांगण में सार्वभौम रामायण सम्मेलन आयोजित है. जिसमें काशी तथा देश के अनेक सुप्रसिद्ध मानस वक्ताओं की कथा होगी. इस अवसर पर सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था की गयी थी. हनुमज्जयंती पर महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत सात राज्यों के श्रद्धालुओं ने भागीदारी की.मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, चंदौली और गोरखपुर सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों से भी भारी संख्या में भक्त पहुंचे.
—————
/ श्रीधर त्रिपाठी
You may also like
141 रनों की तूफानी पारी खेलने के बाद अभिषेक शर्मा ने कहा- दबाव के बावजूद धमाकेदार प्रदर्शन की उम्मीद थी
सोनीपत में लागू हुई जबरदस्त योजना, सरकार दे रही है ज़मीन के बदले मोटा मुआवज़ा और प्लॉट!
दरवाजे पर खड़े थे चाचा, अचानक आई भतीजी, प्यार से घर ले गई, फिर जो हुआ जानकर दहल जाएगी रूह ㆁ
राणा सांगा ने बाबर को क्या हिंदुस्तान बुलाया था, उसके बाद क्या हुआ? - विवेचना
Hanuman Jayanti : इस बार की शोभायात्रा में दिखा गजब का उत्साह! जानिए कैसे हर व्यापारी बना आयोजन का हिस्सा