हैदराबाद, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । वरिष्ठ अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव (83) का रविवार सुबह निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और रविवार तड़के फिल्मनगर स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
कोटा श्रीनिवास राव का जन्म 10 जुलाई, 1942 को कृष्णा जिले के कांकीपाडु में हुआ था। उन्होंने 1968 में रुक्मिणी से विवाह किया था। उनकी दो बेटियाँ और एक बेटा है। कोटा श्रीनिवास राव के पुत्र कोटा प्रसाद का 21 जून, 2010 को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था।
फ़िल्मी दुनिया में आने से पहले कोटा श्रीनिवास राव भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत थे। उन्होंने तमिल, हिंदी और कन्नड़ फ़िल्मों में अभिनय किया।
उन्होंने 1978 में ‘ तेलुगु फिल्म प्रणाम ख़रीदु’ से फ़िल्मी दुनिया में अभिनेता के रूप फिल्मी दुनिया में अपनी शुरुआत की। अपने चार दशक के फ़िल्मी सफ़र में उन्होंने कई यादगार भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने 750 से ज़्यादा फ़िल्मों में काम किया है।
उन्हें नौ नंदी पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें फ़िल्मों प्रतिघातना (1985), गायम (1993), थीर (1994), लिटिल सोल्जर्स (1996), गणेश (1998), चिन्ना (2000), पेलैना कोथालो (2006), आ प्रवर (2004) और पृथ्वी नारायण (2002) के लिए नंदी पुरस्कार मिले हैं। 2012 में उन्हें फ़िल्म वंदे जगद्गुरुम के लिए SIIMA पुरस्कार मिला। 2015 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
निर्देशक और निर्माता क्रांतिकुमार ने कोटा श्रीनिवास राव को पहले बड़े पर्दे पर पहला मौका दिया। कोटा ने राजनीति में भी कदम रखा था। वे 1999 से 2004 तक विजयवाड़ा पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक रहे।
कोटा श्रीनिवास राव एक प्रतिष्ठित अभिनेता हैं जिन्होंने अपने अभिनय से खलनायकी को एक नया अर्थ दिया है। कई वर्षों तक रंगमंच अभिनेता के रूप में काम किया। उन्होंने तेलुगु सुपरस्टार कृष्णा, चिरंजीवी, बालकृष्ण, नागार्जुन, वेंकटेश, महेश बाबू, पवन कल्याण, साई धर्म तेज जैसे टॉलीवुड के शीर्ष और युवा नायकों के साथ काम किया। ‘अहाना पोल्लानता!’, ‘प्रति घटना’, ‘यामुदिकी मोगुडु’, ‘खैदी नंबर: 786’, ‘शिवा’, ‘बोब्बिलिराजा’, ‘यमलीला’, ‘संतोषम’, ‘बोम्मारिलु’, ‘अथाडु’, ‘रासु गुर्रम’ जैसी कई फिल्मों ने उन्हें अच्छी पहचान दिलाई।
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(Udaipur Kiran) / नागराज राव
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