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एससीओ शिखर सम्मेलन में नेपाल के प्रधानमंत्री ने किया वैश्विक शक्तियों से बहुपक्षवाद को मजबूत करने का आह्वान

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काठमांडू, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने वैश्विक शक्तियों से बहुपक्षवाद को मजबूत करने का आह्वान किया है और इसे समय की अपरिहार्य आवश्यकता बताया है।

सोमवार को टियांजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) प्लस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि वैश्विक संस्थानों की विश्वसनीयता कमजोर हो गई है क्योंकि वे बहुत कम कार्यान्वयन करते हुए बड़े वादे करते हैं।

ओली ने अपने संबोधन में कहा कि बहुपक्षवाद संकट में है, लेकिन इसे छोड़ना इसका समाधान नहीं है। हमें इसे अधिक प्रभावी, समावेशी और परिणाम-उन्मुख बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को एक न्यायसंगत और टिकाऊ वैश्विक शासन प्रणाली के केंद्र में रहना चाहिए।

बहुपक्षवाद को मजबूत करने के लिए चीन की वैश्विक शासन पहल (जीजीआई) को एक संभावित उपकरण के रूप में उजागर करते हुए ओली ने भू-राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिक एकजुट, समन्वित और लचीले एससीओ का आग्रह किया। उन्होंने संवाद भागीदार से पूर्ण एससीओ सदस्यता में अपग्रेड करने की नेपाल की आकांक्षा को दोहराया।

ओली ने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, साइबर हमलों और महामारियों सहित वैश्विक खतरों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने ग्लेशियरों के तेजी से पीछे हटने का सामना कर रहे एक हिमालयी राष्ट्र के रूप में नेपाल की विशेष भेद्यता का उल्लेख किया, जिससे नीचे की ओर रहने वाले अरबों लोगों को खतरा है।

ओली ने कहा, कोई भी देश अलगाव में सुरक्षित नहीं रह सकता है, न ही कोई भी व्यक्ति विखंडन में समृद्ध हो सकता है, उन्होंने जोर देकर कहा कि साझा समस्याओं के समाधान के लिए सहयोग आवश्यक है।

उन्होंने भविष्य के लिए तीन प्रमुख परिवर्तनों की रूपरेखा सार्वजनिक करते हुए कहा कि अब विश्व को अलगाव से संपर्क की ओर बढ़ना, संघर्ष से परामर्श तक, और प्रतिस्पर्धा से सहयोग की ओर बढ़ने का प्रस्ताव रखा।

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(Udaipur Kiran) / पंकज दास

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