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हिमाचल में आर्थिक संकट के लिए पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेदार : मुख्यमंत्री

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शिमला, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि हिमाचल प्रदेश आज जिस आर्थिक संकट से गुजर रहा है, उसके लिए पूरी तरह पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेदार है। नियम 130 के तहत विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा आय के संसाधन जुटाने पर लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने अंतिम वर्ष में चुनाव जीतने के लिए मुफ्त उपहार और सब्सिडी के नाम पर 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना जरूरत के शैक्षणिक एवं अन्य संस्थान खोले गए और औद्योगिक घरानों को प्रदेश की बहुमूल्य संपदा औने-पौने दामों में बांट दी गई। इसके बावजूद भाजपा चुनाव हार गई और जनता ने उसे नकार दिया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज भाजपा पांच गुटों में बंटी है और उसके नेता अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा शासन के दौरान निवेश में भारी कमी आई। उस समय एक विशेष पैकेज बनाकर उद्योगों को केवल एक करोड़ रुपये में 5,000 बीघा जमीन और पंजीकरण शुल्क में पूरी छूट दे दी गई थी। इससे राज्य को बड़ा घाटा हुआ, जबकि उनकी सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के तहत सुशासन स्थापित किया और इसके नतीजे आज हर क्षेत्र में दिख रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कांग्रेस सरकार को भाजपा से 76,000 करोड़ रुपये का कर्ज़ विरासत में मिला है। पुराने कर्ज़ चुकाने के लिए ही उन्हें नए कर्ज़ लेने पड़ रहे हैं। भाजपा सरकार को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में पांच साल में 16,000 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि अब यह घटकर केवल 3,000 करोड़ रुपये रह गया है। इसी तरह 15वें वित्त आयोग द्वारा दिया जाने वाला राजस्व घाटा अनुदान भी भाजपा कार्यकाल के 10,000 करोड़ रुपये से घटकर 3,000 करोड़ रुपये पर आ गया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को 1,600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज़ लेने से रोक दिया है क्योंकि प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के हितों से समझौता नहीं करेगी। किशाऊ बांध परियोजना पर तभी बातचीत होगी जब हरियाणा सरकार बीबीएमबी के 4,400 करोड़ रुपये बकाया भुगतान पर हलफनामा देने को तैयार होगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने कई अहम फैसले किए हैं। शराब की बोतल पर 10 रुपये का दूध उपकर लगाया गया, तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से गाय का गोबर खरीदा जा रहा है। जनता के आग्रह पर 23,000 उपभोक्ताओं ने बिजली सब्सिडी छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में शराब की दुकानों के नवीनीकरण से 487 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जबकि उनकी सरकार में केवल दो वर्षों में नीलामी से 629 करोड़ रुपये की आय हुई।

सुक्खू ने सदन में कहा कि आने वाले दिनों में कई विभागों का युक्तिकरण और कुछ विभागों का विलय किया जाएगा। वर्तमान में अधिकांश विभागों में ऊपरी स्तर पर अधिकारी अधिक हैं, लेकिन निचले स्तर पर कर्मियों की कमी है। इसे भी सुधारा जाएगा।

इस बीच नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को बार-बार पिछली भाजपा सरकार को दोष देने के बजाय मौजूदा वित्तीय संकट से निपटने के उपाय प्रस्तुत करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पता था कि जीएसटी मुआवजा जून 2022 में खत्म हो जाएगा और आरडीजी भी घटेगा, फिर भी कांग्रेस ने सत्ता हासिल करने के लिए झूठे वादे किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरडीजी एक सूत्र पर आधारित है और यह सभी राज्यों को दिया गया है, केवल हिमाचल को नहीं।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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