—केन्द्रीय राज्यमंत्री शोभा कारंदलाजे ने इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने पर दिया जोर
—वाराणसी में तीन दिवसीय एमएसएमई सेवा पर्व-2025 का उद्घाटन
वाराणसी,28 सितंबर (Udaipur Kiran News) . Uttar Pradesh की धार्मिक नगरी वाराणसी (काशी)में sunday को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से आयोजित तीन दिवसीय एमएसएमई सेवा पर्व-2025 का उद्घाटन केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी और केन्द्रीय राज्यमंत्री शोभा कारंदलाजे ने किया.
सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सेवा पर्व के साथ प्रधानमंत्री विश्वकर्मा और खादी सम्मेलन का आयोजन भी किया गया. सेवा पर्व का उद्घाटन कर केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लाभार्थियों से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहे. उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को मज़बूत करना ज़रूरी है, क्योंकि यह रोज़गार सृजन और हमारे लोगों को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है.
केन्द्रीय मंत्री ने उद्यम पंजीकरण, पीएमईजीपी, सीजीटीएमएसई और एनएसएसएच जैसी प्रमुख पहलों का भी उल्लेख किया और इस बात पर बल दिया कि कैसे मंत्रालय प्रशिक्षण प्रदान करके, टूलकिट वितरित करके और बैंकों के माध्यम से ऋण की सुविधा प्रदान करके लाभार्थियों का सहयोग कर रहा है. कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्यमंत्री शोभा कारंदलाजे ने भी इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने पर जोर दिया. केन्द्रीय मंत्री शोभा कारंदलाजे ने कहा कि हमारा लक्ष्य शिखर तक पहुँचना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कल्पना की है, हमें इसे प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए. प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण स्वदेशी को बढ़ावा देने के महात्मा गांधी के स्वप्न को साकार करना है. एमएसएमई क्षेत्र रोज़गार सृजन में एक प्रमुख प्रेरक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
इसके पहले एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचिव विपुल गोयल ने स्वागत भाषण दिया मंत्रालय के सचिव एस.सी.एल. दास ने विशेष भाषण दिया. कार्यक्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर एस. राजलिंगम ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया.
—सेवा पर्व के तहत दो दिवसीय विरासत से विकास कार्यक्रम 30 सितंबर तक
एमएसएमई सेवा पर्व के तहत दो दिवसीय विरासत से विकास कार्यक्रम 30 सितंबर तक चलेगा. इसका उद्देश्य पूर्वांचल के विकास पर केंद्रित है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, खादी एवं ग्रामोद्योग तथा एमएसएमई योजनाओं से जुड़े 1500 से अधिक लाभार्थी भी शामिल हुए. स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के निर्मित उत्पादों की 130 स्टालों वाली प्रदर्शनी भी लगाई गई.
— विपणन पर समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान
प्रदर्शनी में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी) और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआइसी) के बीच विपणन पर समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया. साथ ही, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाणपत्र, सब्सिडी और टूलकिट भी प्रदान किया गया. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल उद्यमिता को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को भी प्रोत्साहित करना है. इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय उत्पादों को भी एक नई पहचान मिलेगी. इस प्रकार के कार्यक्रमों से काशी की सांस्कृतिक विरासत को भी संजीवनी मिलेगी.
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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