काठमांडू, 19 अप्रैल . नेपाल में राजशाही के पक्ष में आंदोलन कर रहे राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) द्वारा अपने गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए रविवार को संसद भवन के निषेधित क्षेत्र में प्रदर्शन की घोषणा पर सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है.
गृह मंत्रालय के तरफ से आज एक बयान जारी करते हुए आरपीपी को निषेधित क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि न करने की चेतावनी दी गई है. मंत्रालय के प्रवक्ता रामचन्द्र तिवारी ने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति, समूह या राजनीतिक दल ने सरकार द्वारा घोषित निषेधित क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार ने आरपीपी का नाम लिख कर यह चेतावनी दी है कि यदि इस पार्टी के द्वारा निषेधित क्षेत्र को तोड़कर प्रदर्शन किया जाएगा तो उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने कहा है कि निषेधित क्षेत्र को तोड़ कर यदि अराजकता फैलाई गई तो उनके सभी शीर्ष नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार मजबूर हो जाएगी.
गृह मंत्रालय ने आम जनता से इस तरह के किसी भी गैर कानूनी सभा, प्रदर्शन में सह हाजी नहीं होने और किसी नेता के द्वारा उकसाने पर हिंसा आगजनी जैसी अराजक गतिविधि में सहभागी नहीं होने की अपील की है. सरकार ने रविवार को आरपीपी के द्वारा निषेधित क्षेत्र तोड़ने की घोषणा के मध्यनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. संसद भवन के आसपास की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है तथा संसद के तरफ जाने वाले सभी रास्तों शनिवार की शाम से ही बैरिकेटिंग कर दी गई है.
शुक्रवार को आरपीपी ने 28 मार्च की हिंसक झड़प के बाद गिरफ्तार किए गए पार्टी के शीर्ष नेता कार्यकर्ताओं की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए सरकार द्वारा घोषित निषेधित क्षेत्र में प्रदर्शन करते हुए सामूहिक गिरफ्तारी देने की घोषणा की है. रविवार की सुबह 11 बजे आरपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी और शीर्ष नेता निषेधित क्षेत्र का घेरा तोड़कर सामूहिक गिरफ्तारी देने वाले हैं.
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/ पंकज दास
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