नई दिल्ली, 17 अप्रैल . सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव कराने के कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स में हालिया संशोधन के निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब देने के लिए आयोग को तीन हफ्ते का समय दे दिया है. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया.
कोर्ट ने 15 जनवरी को निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया था. याचिका कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दायर की है. याचिका में कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स में संशोधन के निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि इस संशोधन के जरिए आम आदमी चुनाव से संबंधित रिकॉर्ड हासिल नहीं कर सकता है.
याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है. ऐसी संस्था को जनता से राय लिए बिना ऐसा महत्वपूर्ण संशोधन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग के हालिया आदेश से आम लोगों को चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी नहीं मिल सकती है. ये प्रक्रिया पारदर्शिता और जवाबदेही से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, ये विवाद तब उत्पन्न हुआ जब कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स के नियम 93 में संशोधन करके वीडियो रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्ट के फुटेज जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज को सार्वजनिक पहुंच से रोक दिया गया. तर्क दिया गया कि इससे चुनाव से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के दुरुपयोग का खतरा है. ये संशोधन पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के हालिया आदेश के कुछ दिनों के बाद किए, जिसमें हाई कोर्ट ने निर्वाचन आय़ोग को हरियाणा चुनाव के दौरान एक मतदान केंद्र के सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी की कॉपी वकील महमूद प्राचा को देने का आदेश दिया था.
/संजय———–
/ सुनीत निगम
You may also like
सीलमपुर की 'लेडी डॉन' जिकरा का खौफनाक राज़! क्या सच में कुनाल की मौत की मास्टरमाइंड वही है?
21 अप्रैल 2025 का पंचांग: सोमवार का शुभ-अशुभ समय
वक़्फ़ क़ानून: सरकार का अहम प्रावधानों को लागू न करने का कोर्ट से वादा क्या कोई रणनीति है?
UK Board Result 2025 Declared: Check Class 10 & 12 Scores Now at ubse.uk.gov.in
आरआर बनाम एलएसजी: राजस्थान रॉयल्स को जीत की जरूरत..! लखनऊ सुपर जायंट्स की चुनौती आज