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करूर हादसा: विजय की रैली में भगदड़ से 38 की मौत, सुरक्षा चूक पर उठे गंभीर सवाल

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चेन्नई, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News). तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता से नेता बने जोसेफ विजय की रैली के दौरान मची भगदड़ ने पूरे राज्य को गहरे शोक में डुबो दिया है. “वेलिचम वेलियेरु” नामक इस रैली में sunday को अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिससे 38 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में 8 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पतालों में उपचाराधीन हैं.

सरकार की राहत घोषणा और जांच आयोग गठित
Chief Minister एम.के. स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना को “अपूरणीय क्षति” बताया. उन्होंने कहा, “38 लोगों की मौत की खबर ने हमें गहरे शोक में डाल दिया है. अस्पतालों में भर्ती सभी घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.”
सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. साथ ही, घटना की जांच के लिए सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज अरुणा जगदीसन की अध्यक्षता में एक एक-सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया है, जो हादसे के कारणों और जिम्मेदारियों की पड़ताल करेगा.

नेताओं और समाज की प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की.
वहीं, विजय ने एक्स पर भावुक पोस्ट में लिखा — “मेरा दिल टूट गया है. करूर में अपने भाइयों और बहनों को खोने की पीड़ा असहनीय है. मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं.”

हालांकि, सोशल मीडिया पर उनकी भूमिका को लेकर बहस शुरू हो गई है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मंच से पानी की बोतलें फेंकने से भगदड़ बढ़ी. साथ ही, विजय के घटना के तुरंत बाद चार्टर्ड फ्लाइट से चेन्नई लौट जाने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. इस बीच #KarurStampede और #IStandWithVijay जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं.

व्यवस्था पर उठे सवाल
रिपोर्ट्स के अनुसार, आयोजकों ने रैली के लिए करूर बस स्टैंड की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने अपेक्षाकृत छोटे स्थल की इजाजत दी. भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन व्यवस्था में भारी कमी स्पष्ट रही.
विपक्षी नेताओं और साहित्यकार वैरमुतु ने कहा कि इस तरह की स्थिति की आशंका पहले से जताई जा सकती थी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और आयोजकों दोनों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

राजनीतिक असर और चेतावनी
फरवरी 2024 में अपनी पार्टी तमिलगा वेट्री कझगम (TVK) लॉन्च करने वाले विजय के लिए यह हादसा बड़ा झटका माना जा रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना उनकी लोकप्रियता और “व्यवस्था-विरोधी” छवि पर असर डाल सकती है.

राज्य की जनता, सरकार और विपक्ष अब जांच आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. यह त्रासदी इस बात की चेतावनी है कि राजनीतिक रैलियों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

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