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डीवीसी से बिना सूचना छोड़ा गया जल, बाढ़ से क्षुब्ध ममता बोलीं—प्रधानमंत्री को बताया, फिर भी कुछ नहीं हुआ

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कोलकाता, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । लगातार बारिश के कारण पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। विशेषकर घाटाल क्षेत्र में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है, जहां विस्तृत इलाके जलमग्न हो चुके हैं। इस बीच मंगलवार को नवान्न में उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) के खिलाफ तीखी नाराजगी जताई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी 18 जून से लगातार जल छोड़ रहा है और अब तक लगभग 27 लाख क्यूसेक मीटर पानी छोड़ा जा चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीवीसी यह जल छोड़ने से पहले राज्य सरकार को कोई सूचना नहीं देता, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

ममता बनर्जी ने दावा किया कि उन्होंने स्वयं इस मुद्दे को लेकर बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार प्रधानमंत्री को पत्र भेजा, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। बिना सूचना दिए डीवीसी पानी छोड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जहां असम जैसे राज्यों को बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र से आर्थिक सहायता मिलती है, वहीं बंगाल को बार-बार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने इसे वित्तीय अन्याय करार दिया।

बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए ममता बनर्जी ने राज्य प्रशासन को पूरी तरह सतर्क रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने आदेश दिया कि प्रभावित जिलों में तीन वरिष्ठ सचिव स्थानीय जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के साथ मिलकर हालात पर नजर रखें। इसके अलावा एक विशेष कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जा रहा है, जिसकी निगरानी मुख्यमंत्री स्वयं करेंगी।

स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ग्रस्त इलाकों में संभावित रोगों से निपटने के लिए पर्याप्त दवाएं भेजने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, कई इलाकों में राहत शिविर भी खोले गए हैं, जहां स्थानीय प्रशासन निगरानी रखेगा।

ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर हर संभव कदम उठा रही है, लेकिन केंद्र की उदासीनता ने संकट को और बढ़ा दिया है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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