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फसल अवशेष जलाने पर झज्जर जिले में 12 एफआईआर

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झज्जर, 30 अप्रैल . जिले में गेहूं की फसल कटाई के उपरांत फसल के अवशेष (फाने) जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन नजर बनाए हुए है. उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बुधवार को पुलिस, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, कृषि एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि फसल अवशेष जलाना कानूनन अपराध है और गेहूं के फानों में आग लगाकर पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाए.

डीसी ने कहा कि हरसेक द्वारा सेटेलाइट निगरानी के माध्यम से गांव स्तर पर फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर सख्त नजर रखी जा रही है. यदि कोई किसान अवशेष जलाते हुए पाया जाता है तो उसकी जीपीएस लोकेशन तुरंत संबंधित विभागों को भेजी जाएगी, और गांव स्तरीय कमेटी द्वारा तत्काल कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

डीसी ने बताया कि फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ रेड एंट्री की जाएगी. ऐसे किसान आगामी दो सीजन तक ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर फसल नहीं बेच पाएंगे और साथ ही सरकारी योजनाओं के सभी लाभों से वंचित कर दिए जाएंगे. उप निदेशक (कृषि) जितेंद्र अहलावत ने मीटिंग के दौरान बताया कि फसल अवशेष जलाने के मामलों में अभी तक 12 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं व इन किसानों की रेड एंट्री की गई है. डीसी ने कहा कि फसल अवशेष जलाना भूमि की उर्वरता को समाप्त करता है, मित्र कीटों का नाश करता है और पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंचाता है. इसलिए पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाने वाली इस प्रवृत्ति पर पूर्ण नियंत्रण अनिवार्य है.

मीटिंग में डीसीपी जसलीन कौर, एसडीएम बादली सतीश यादव, एसडीएम बहादुरगढ़ नसीब कुमार, एसडीएम बेरी रेणुका नांदल, सीटीएम रविंद्र मलिक, सीईओ जिला परिषद मनीष फौगाट, डीआरओ प्रमोद चहल, डीडीपीओ निशा तंवर, डीडी (कृषि विभाग) जितेंद्र अहलावत व अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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/ शील भारद्वाज

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