जयपुर, 13 अप्रैल . मानव जीवन का चरम लक्ष्य भगवान की सेवा करना है और यह सौभाग्य केवल गुरु के आशीर्वाद से ही मिल सकता हैद्य अपने जीवन को कृष्ण भक्ति में समर्पित करके करके भक्ति पथ पर अग्रसर होने के लिए रविवार को भक्तों ने विश्व गुरु श्रील प्रभुपाद का आश्रय लिया और साथ ही उन्होंने यह प्रार्थना की, कि उन्हें उनके चरण कमलों का आशीर्वाद मिले.
गुप्त वृन्दावन धाम में आयोजित हुए आश्रय समारोह में भक्तों ने श्रद्धावान (1 माला जाप), सेवक (4 माला जप), साधक (8 माला जप), उपासक ( 12 माला जप) और चरण आश्रय (16 माला जप) का प्रण लिया, विभिन्न चरणों के आश्रय के साथ उन्होंने कृष्ण भक्ति में जीवन को समर्पित करते हुए विश्व गुरु श्रील प्रभुपाद की किताबें पढ़ने का वचन लिया. भक्तों ने उनके द्वारा दिए गए 4 विनियमित सिद्धांतों का पालन करने का भी निश्चय किया. श्रील प्रभुपाद आश्रय के लिए 460 भक्तों ने अपना नामांकन किया. जिसमें से 335 भक्तों ने प्रश्न पत्र तथा इंटरव्यू की प्रक्रिया को पास करके अपने आपको आश्रय स्तर के लिए योग्य बनाया . पांच चरण के आश्रय स्तर को पार करने के पश्चात् भक्त दीक्षा के लिए नामांकन कर सकते हैं .गुप्त वृन्दावन धाम के अध्यक्ष श्री अमितासना दास ने श्रील प्रभुपाद आश्रय के महत्व पर प्रकाश डालते हुआ बताया की कलयुग में भगवान कृष्ण अपने नाम में निवास करते हैं. श्रील प्रभुपाद भगवान कृष्ण के शुद्ध भक्त हैं,. जब भक्त उनके सामने नाम जप करने का संकल्प लेते हैं तब उनके जीवन में ज्ञान-भक्ति और वैराग्य का प्रकाश समाहित हो जाता है और वो कृष्ण भक्ति में दिन प्रतिदिन अग्रसर होते जाते हैं तथा अपने भगवद धाम जाने का मार्ग सुनिश्चित कर सकते हैं.
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