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पश्चिम चंपारण में कालाजार नियंत्रण के लिए 25 जुलाई से होगी आईआरएस द्वितीय चक्र की शुरुआत

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बेतिया, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । पश्चिम चंपारण के 10 ब्लॉकोंक 21 कालाजार प्रभावित गांव के 26 पंचायतों में 2 लाख 73 हजार 603 आबादी के 1 लाख 42 हजार 551 कमरों में दल कर्मियों के द्वारा 60 दिनों तक 25 जुलाई से सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव किया जाएगा। इस दौरान लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाएगा।

इस सम्बंध में जिले के सीएस डॉ विजय कुमार ने बुधवार को बताया कि छिड़काव के कारण जिले में कालाजार के मामलों में लगातार कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि यह बालू मक्खी के काटने से फैलता है। साथ ही यह रोग संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार व अन्य विपरीत लक्षण शरीर में महसूस होने पर अविलंब जांच कराना चाहिए।

डीभीबीडीसीओ डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा से बुखार हो, उसकी तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो और उपचार से ठीक न हो तो उसे कालाजार हो सकता है। जांच व ईलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है।

कालाजार मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज के साथ संक्रमित मरीजों को सरकार द्वारा 7100 रुपये की श्रम- क्षतिपूर्ति राशि भी दी जाती है। भारत सरकार के द्वारा 500 एवं राज्य सरकार की ओर से 6600 सौ रुपये दी जाती है। वहीं पोस्ट कालाजार डर्मल लीशमैनियासिस (पीकेडीएल) कालाजार से पीड़ित मरीज को राज्य सरकार द्वारा 4000 रुपये की सहायता राशि श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान की जाती है।

(Udaipur Kiran) / अमानुल हक

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