मथुरा, 03 सितम्बर (Udaipur Kiran) । यमुना के रौद्र रूप से मथुरा में हाहाकार मच गया है, जिलाधिकारी से लेकर पूरा प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन हालात फिर भी बिगड़ रहे हैं। राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाने के लिए 2 स्टीमर और एक नाव लगाई गई है। निचले इलाकों में करीब 4 से 5 हजार लोग निवास करते हैं। दो हजार लोग शिविर में रह रहे हैं। सिंचाई विभाग के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को यमुना का जलस्तर 166.44 मीटर तक रहा। ये रात में करीब 167.5 मीटर तक पहुंच सकता है।
हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़ा गया पानी आफत बन गया है। तटवर्ती इलाकों में बनीं कॉलोनियां और गांव दरिया बन चुके हैं। इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। प्रशासन ने 3 राहत शिविर बनाए हैं। जहां करीब 2 हजार लोगों को रखा गया है। टीमें लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गश्त कर रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का खाली कराया जा रहा है। नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी खुद स्टीमर में बैठकर लोगों को आगाह कर रहे हैं। आगामी 24 घंटे तटवर्ती इलाकों के लिए खतरे का सबब बन सकते हैं। इसके अलावा कुछ इलाकों में रह रहे करीब 1500 लोगों की जिंदगियां खतरे में फंसी हैं।
शहरी क्षेत्र के इन वृंदावन, जयसिंह पुरा, विश्राम घाट और लक्ष्मीपुर एरिया में पानी भर गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में महावन के नगला कोस, छाता के बाबूगढ़, मांट के नौहझील और शेरगढ़ इलाके डूब गए हैं। यमुना के खादर इलाकों में पशुओं की स्थिति खतरनाक है। कुत्ते, बकरियां और गाय पानी में फंसे हैं। हालांकि उन्हें राधा गोशाला में भिजवाया जा रहा है, लेकिन इसके अलावा तमाम कुत्ते अभी बाढ़ ग्रसित इलाकों में दिखाई दिए।
बाढ़ नियंत्रण प्रभारी एडीएम वित्त एवं राजस्व पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि हथनीकुंड से 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जो कि बुधवार रात से बृहस्पतिवार सुबह तक मथुरा यमुना में दस्तक दे सकता है। प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी करवाकर कॉलाेनियों को खाली कराया गया है। लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने के लिए 2 स्टीमर और एक नाव लगाई गई है। जो लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि निचले इलाकों में करीब 4 से 5 हजार लोग निवास करते हैं। जिन्हें राहत शिविरों में भेजा जा रहा है।
–घरों में घुसा 7 फीट पानीजयसिंहपुरा यमुना की खादर में बनीं गणेश धाम कॉलोनी, कन्हैया कुंज, परिक्रमा मार्ग, राधा किशन वैली, भगवत विहार कॉलोनी, न्यू लक्ष्मी नगर, किशोरी नगर आदि इलाके के सैकड़ों मकान बाढ़ प्रभावित हो गए हैं। घरों में 6 से 7 फीट तक पानी भर गया है। उधर यमुना के जल में निरंतर हो रही बढ़ोत्तरी से क्षेत्र के हालात चिंताजनक हैं। गांव बाबूगढ़ के ग्रामीण घरों में ताले लगाकर रिश्तेदारों के यहां सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। प्रशासन ने क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है। यमुना ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली से आ रहे बाढ़ के पानी के संबंध में की चेतावनी जारी की है। इसके बाद से ग्रामीण सुरिक्षत स्थानों में चले गए हैं। मंगलवार को शेरगढ़ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने सभी गांवों में लोगों को सतर्क किया था। इसके बाद छाता एसडीएम गौरव गोयल ने स्टीमर की सहायता से कई ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा। शेरगढ़ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने थाने के सभी दरोगा और पुलिसकर्मियों को बाढ़ की निगरानी पर लगाया हुआ है।
बाढ़ नियंत्रण प्रभारी पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी मंगलवार से ही करवा दी गई है। लगातार स्टीमर और नाव से गश्त की जा रही है। जयसिंहपुरा में रुहानी आश्रम, डीएवी और बिरला मंदिर में राहत शिविर लगाए गए हैं। जहां उनकी रहने खाने-पीने की व्यवस्था की गई है।
(Udaipur Kiran) / महेश कुमार
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