तेल अवीव, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . इजराइल कैबिनेट ने आखिरकार आतंकी समूह हमास के साथ गाजा युद्धविराम समझौते के प्रथम चरण को स्वीकार करते हुए अपनी मंजूरी प्रदान कर दी. दोनों पक्षों ने अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप की इस महत्वपूर्ण योजना पर सहमति जताते हुए मिस्र में परोक्ष वार्ता के दौरान शांति प्रयासों के प्रथम चरण पर समझौता मानने की हामी भरी थी. कैबिनेट की मंजूरी दिलाने में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश को भरोसे में लिया. President ट्रंप ने कहा है कि गाजा में बंधक बनाए गए सभी इजराइली लोगों को अगले हफ्ते की शुरुआत में रिहा कर दिया जाएगा.
सीएनएन न्यूज चैनल पर कैबिनेट की मंजूरी संबंधी प्रसारित रिपोर्ट के अनुसार, बावजूद इसके यह स्पष्ट नहीं हो सका कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को लड़ाई रोकने का आदेश दिया है या नहीं. कैबिनेट की मंजूरी से पहले शुक्रवार सुबह इजराइली युद्धक विमानों ने दक्षिणी गाजा के शहर खान यूनिस पर जोरदार हवाई हमले किए. यही नहीं, जिस दिन इजराइल ने मिस्र में ट्रंप की इस योजना पर सहमति जताई, उसी दिन गाजा पट्टी में कम से कम 37 लोग मारे गए. वैश्विक नेताओं को उम्मीद है कि इससे रक्तपात रुकेगा.
समझौते का सार: प्रथम चरण के समझौते का सार है सभी बंधकों की रिहाई. इजराइली सेना की एक सहमत बिंदु पर वापसी. कुछ फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई.
हमास को आस: शीर्ष हमास नेता ओसामा हमदान ने कहा कि बंधकों की रिहाई के लिए गाजा में युद्ध की समाप्ति की औपचारिक घोषणा की जानी चाहिए. एक इजराइली सूत्र के अनुसार, समझौते के तहत रिहा किए जाने वाले फिलिस्तीनी कैदियों की सूची पर बातचीत जारी है.
अमेरिका की भूमिका: अमेरिका इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए मिस्र, कतर, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के सैनिकों के साथ मध्य पूर्व में 200 सैनिक भेज रहा है. अमेरिकी सेना इजराइल में समन्वय केंद्र स्थापित करेगी.
रिहाई की राह: ट्रंप ने कहा कि शेष बंधकों को अगले सप्ताह Monday या मंगलवार को गाजा से रिहा कर दिया जाएगा. वह खुद गाजा की यात्रा कर सकते हैं.
संकट और सहायता: संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन राहत समन्वयक ने कहा कि लगभग 170,000 मीट्रिक टन खाद्य सामग्री, दवाइयां और अन्य सामग्री गाजा में भेजने के लिए तैयार है.
जीने की जंगः इस समझाते से मध्य गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनियों ने खुशी जताई है. विस्थापित अला अल-मधौन कहा कि हम यह सोचकर खुश हैं कि अपने घरों को लौटेंगे. पुनर्निर्माण करेंगे. बच्चे अपने स्कूलों में वापस जाएंगे. निश्चिंत होकर शांति से रहेंगे. इस खुशी में गाजा पट्टी के राफाह स्थित अल-मवासी में जश्न मनाया गया है. लोगों का कहना है कि गोलियों के आवाज सुनते-सुनते कान के परदे जर्द पड़ गए हैं. लोगों का कहना है कि हम अपने घरों में वापस लौटकर सुखी से रहेंगे, भले ही वह मलबे के ऊपर ही क्यों न हों.
चिंता की चिंगारीः गाजा के नागरिक सुरक्षा विभाग ने कहा कि गाजा पट्टी के नागरिक विशेष रूप से गाजा शहर के निवासी अभी भी सावधान रहें. जब तक इजराइली बलों की वापसी की आधिकारिक घोषणा नहीं हो जाती और संबंधित अधिकारी पुष्टि नहीं कर देते तब जहां हैं वहीं रहें.
गरजता आसमानः बहरहाल, आज (शुक्रवार) सुबह दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर के केंद्र में जोरदार हवाई हमले हुए. तोपखाने से गोले बरसते रहे. शहर के ऊपर ड्रोन उड़ान भरते रहे. गोलों के फटने से आसमान में शोर उभरता रहा.
—————
(Udaipur Kiran) / मुकुंद
You may also like
अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी उठ गया है` इस रहस्य से पर्दा वैज्ञानिकों ने खुद दिया है ये जवाब
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
सपा विधायक नवाब जान के घर मुलायम सिंह यादव को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
कर्नाटक : विधायक अरविंद बेलाड ने सिद्धारमैया सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप
भारतीय शादियों में शाकाहारी मेनू का नया ट्रेंड: क्या है इसकी खासियत?