भोपाल, 13 अप्रैल . केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में राजधानी भोपाल में रविवार को दोपहर रवीन्द्र भवन में राज्य स्तरीय सहकारिता सम्मेलन का शुभारंभ हुआ. इस मौके पर मप्र राज्य सहकारी दुग्ध संघ और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच प्रदेश में दूध का उत्पादन और प्रसंस्करण बढ़ाने के लिए अनुबंध हुआ. इसके साथ ही मप्र के छह दुग्ध संघों और एनडीडीबी के बीच छह अलग-अलग एमओयू भी किए गए. कार्यक्रम में डॉ. मोहन यादव, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री लखन पटेल के साथ-साथ नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड और मध्य प्रदेश के सहकारिता, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारी भी मौजूद हैं.
कार्यक्रम में एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह ने कहा कि सहकारिता की लहर मध्य प्रदेश में दूर-दूर तक पहुंचे और डेयरी किसानों को इसका लाभ मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हमेशा प्रतिबद्ध रहते हैं. मध्य प्रदेश में सहकारिता का विस्तार और सुधारीकरण की अपार संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जुलाई में राज्य में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार मध्य प्रदेश डेयरी फेडरेशन और एनडीडीबी के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए गए थे. उसके बाद एनडीडीबी ने सभी हितधारकों के साथ विस्तृत कार्य योजना बनाई है. इसे मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के अधिकारियों को भी भेजा गया.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह फैसला लिया कि अलग-अलग गतिविधियों, नवाचारों के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि करने के लिए उन्हें सहकारिता के जरिए बाजार तक पहुंचाने की जरूरत है. दुग्ध महासंघ के कुशल संचालन की जिम्मेदारी एनडीडीबी को दी जा रही है. मध्य प्रदेश दुग्ध उत्पादक महासंघ और एनडीडीबी के बीच एक अनुबंध हो रहा है. उन्होंने कहा कि दुग्ध सहकारी समितियों के गठन के जरिए क्षेत्र का विस्तार करना, किसानों को इकट्ठा कर उन्हें प्रशिक्षित करना, दुग्ध संग्रहण प्रसंस्करण में विभिन्न तरह के उपाय किए जाएंगे. उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर का अच्छे से इस्तेमाल करेंगे और पूरी चेन को डिजिटाइज करेंगे.
मीनेश शाह ने कहा कि आज के इस सम्मेलन में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. एनडीडीबी और एमपी सहकारी समितियों के बीच अनुबंध कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह जी की मौजूदगी से हम गौरवान्वित हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के श्वेत क्रांति 2.0 के लिए मध्य प्रदेश बहुत महत्वपूर्ण राज्य है, जिसके माध्यम से सहकारिता के क्षेत्र में रोजगार सृजन और महिला सशक्तीकरण किया जाना है. इस योजना के तहत हमने कुछ लक्ष्य तय किए हैं, जिनमें सहकारी संस्थाओं द्वारा दूध संकलन 12 लाख से 24 लाख तक ले जाएंगे. राज्य में संस्थाओं के डेयरी प्लांट की क्षमता को 18 से 30 लाख तक बढ़ाएंगे और पशु प्रजनन पोषण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्पादकता में वृद्धि करेंगे. बायोगैस और गोबर प्रबंधन और जैविक खेती को बढ़ावा देंगे. वहीं, मप्र सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने कहा कि आज किसानों के हित में जो अनुबंध हो रहा है, उससे डेयरी सेक्टर को नई गति मिलेगी.
आज का दिन श्वेत क्रांति के लिए मील का पत्थरः सारंगसहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा आज का दिन सरकारी आंदोलन और श्वेत क्रांति के लिए मील का पत्थर साबित होगा. फायदे का धंधा बनाना है तो हमें कृषि के साथ उसके सहयोगी विषयों पर भी काम करना होगा. पशुपालन और दूध उत्पादन सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं. आज एनडीडीबी के साथ मध्य प्रदेश का सपना साकार हो रहा है, निश्चित रूप से दूध के आंदोलन में नई क्रांति लेकर आएगा. देश में प्रथम सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह नारा दिया है सहकार से समृद्धि. पैक्स समिति जो अभी तक क्रेडिट के काम में लगी रहती थी उन्हें एम पैक्स में तब्दील कर रहे हैं. देश में पहली बार हम को-ऑपरेटिव सेक्टर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप लेकर आए हैं. हम देश के निर्माण में अपना योगदान देने और मध्य प्रदेश को स्वर्णिम मध्य प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मंत्री लखन पटेल ने कहा कि एक साल तक कामधेनु गांव अभयारण्य में गौ कथा होती रही है. अभी ढाई लाख किसानों के यहां से 10 लाख लीटर दूध का कलेक्शन होता है. एनडीडीबी के एमओयू के बाद हमारी समितियां 6000 से बढ़कर 9000 हो जाएंगी. आज हम 10 लाख लीटर दूध इकट्ठा कर रहे हैं, वह लगभग 20 लाख लीटर तक पहुंचाने का काम करेंगे. इस अनुबंध से प्रदेश में दुग्ध क्रांति तो आएगी ही साथ ही किसान की आय दोगुनी होगी. कृषि उत्पादन के साथ दुग्ध उत्पादन जोड़ देंगे तो किस किया है दोगुनी करने में दिक्कत नहीं आएगी वह काम सरलता से हो सकेगा. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है सड़क पर गौ माता. उसके समाधान के लिए स्वावलंबी गौशाला बनाने का निर्णय भी लिया गया है. पीपीपी मॉडल पर अलग तरीके से काम किया जाएगा. सीएनजी बनाई जाएगी. डक्ट उत्पादन होगा. खाद बनाएंगे और ब्रीड इम्प्रूवमेंट यानी नस्ल सुधार का काम भी करेंगे.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह के भोपाल पहुंचने पर राजाभोज विमानतल पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनका स्वागत कर अगवानी की. इसके बाद अमित शाह का काफिला रवाना होकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचा, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके साथी मंत्रियों के साथ लंच किया. इसके बाद काफिला भोपाल के रवींद्र भवन पहुंचा. यहां मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मंच पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह का स्वागत अंग वस्त्रम पहनाकर किया. इस मौके पर उन्हें अयोध्या मंदिर में स्थापित भगवान राम की प्रति मूर्ति भेंट की गई.———
तोमर
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