– देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में डिजाइन संस्थान का शुभारंभ, आईईटी एलुमनाई द्वारा निर्मित सिविल इंजीनियरिंग प्रयोगशाला का किया लोकार्पण
इंदौर, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र द्वारा लागू की गई यह शिक्षा नीति भारतीयता पर केंद्रित है, जो हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा, भाषा, विज्ञान और संस्कृति को समाहित करते हुए एक संपूर्ण शैक्षिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। वह शनिवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) परिसर में आयोजित डिजाइन संस्थान के शुभारंभ एवं सिविल इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं कंसल्टेंसी प्रयोगशाला के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति न केवल पाठ्यक्रम आधारित सुधार है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है, जो भारतीय विद्यार्थियों को रोज़गार, शोध और नवाचार के लिए वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा योग्य बनाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का उद्देश्य युवाओं को तकनीकी, व्यावसायिक एवं रचनात्मक शिक्षा से सशक्त बनाना है। बैचलर ऑफ डिजाइन (B.Des) पाठ्यक्रम के शुभारंभ को समयानुकूल पहल बताते हुए कहा कि डिजाइन क्षेत्र में यह शिक्षा युवाओं को वैश्विक अवसर प्रदान करेगी। यह रोजगार सृजन का भी बड़ा माध्यम बनेगी। उन्होंने आईईटी एलुमनाई द्वारा निर्मित सिविल इंजीनियरिंग प्रयोगशाला को पूर्व छात्रों की सराहनीय सहभागिता बताते हुए इसे शिक्षा संस्थानों में जनसहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिये एक नई पहचान है। यह नवाचार, रचनात्मकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम है। विश्वविद्यालय के इस प्रयास से इंदौर को डिजाइन और सिविल इंजीनियरिंग में राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक मधु वर्मा ने कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता के गुणात्मक सुधार के लिये तेजी से प्रयास हो रहे हैं। समय की जरूरत है कि विश्वविद्यालय की भूमि के सुनियोजित विकास के लिये मास्टर प्लान बनाया जाये।
विश्वविद्यालय के कार्य परिषद सदस्य डॉ. एके द्विवेदी, ओम शर्मा, मोनिका गौर, अनंत पवार आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आईईटी निदेशक डॉ. प्रतोष बंसल, कुलसचिव प्रज्जवल खरे, विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र एवं एलुमनाई सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने परिसर में पौधरोपण भी किया। ——————–
(Udaipur Kiran) तोमर
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