कोलकाता, 02 मई . कोलकाता नगर निगम ने शहर के सभी रूफटॉप रेस्टोरेंट्स को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है. शुक्रवार को ‘टॉक टू मेयर’ कार्यक्रम के बाद मेयर फिरहाद हकीम ने यह जानकारी दी. मछुआ इलाके के ऋतुराज होटल में भीषण अग्निकांड में 15 लोगों की मौत के बाद नगर निगम ने यह सख्त कदम उठाया है.
मेयर ने साफ कहा कि छत सार्वजनिक स्थल है और इसे किसी भी प्रकार के निजी व्यवसाय के लिए इस्तेमाल करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. उन्होंने कहा कि नीचे की जमीन जिस तरह बेची नहीं जा सकती, उसी तरह छत भी नहीं बेची जा सकती. यह आम जनता की सुरक्षा का सवाल है.
नगर निगम ने इस संबंध में पहले ही एक दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि किसी भी परिस्थिति में छत का व्यवसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता. साथ ही सभी रूफटॉप रेस्टोरेंट्स को तत्काल हटाने का निर्देश दिया गया है.
मेयर ने कहा कि जिन रेस्टोरेंट्स का संचालन फिलहाल छत पर हो रहा है, उन्हें बंद करना अनिवार्य है. आग लगने की स्थिति में लोग छत पर जाकर शरण ले सकें, इसके लिए छत तक पहुंच का रास्ता हमेशा खुला रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर पहले ही एक कमेटी गठित कर दी गई है. इस कमेटी में अग्निशमन विभाग, पुलिस और नगर निगम के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे और जल्द ही बैठक कर अगली रणनीति तय की जाएगी.
मेयर ने यह भी कहा कि हर चीज़ नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती, लेकिन जहां-जहां हमारी जिम्मेदारी है, वहां हम पूरी सक्रियता से काम कर रहे हैं.
इस बीच शहर के एक प्रमुख बहुमंजिला भवन ‘मैग्मा हाउस’ में स्थित रूफटॉप रेस्टोरेंट को नोटिस भेज दिया गया है. मेयर ने बताया कि बोरोज़ के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि किन इलाकों में कितने रूफटॉप रेस्टोरेंट्स संचालित हो रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके. उन्होंने कहा, “स्टेफन कोर्ट की घटना हम सभी को याद है, जहां कोलैप्सिबल गेट बंद होने के कारण दम घुटने से कई लोगों की जान चली गई थी. ऐसी स्थिति में छत ही अंतिम सहारा होती है, इसलिए वहां कोई बाधा नहीं होनी चाहिए.
मछुआ के फलपट्टी में क्षतिग्रस्त भवन को लेकर मेयर ने कहा कि उस भवन का ऑडिट पहले ही किया जा चुका था. नागरिकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे सतर्क रहें. लोकतांत्रिक देश में सिर्फ सरकार पर ही सारा बोझ नहीं डाला जा सकता.
उन्होंने यह भी माना कि नगर निगम में कर्मचारियों की संख्या सीमित है, लेकिन फिर भी जिम्मेदारी निभाने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी. वर्तमान में निर्माणाधीन इमारतों पर भी सख्त निगरानी रखी जा रही है.
नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, जहां भी बिल्डिंग प्लान स्वीकृत किया जा रहा है, वहां असेसमेंट विभाग के साथ समन्वय कर सभी जानकारियां रिकॉर्ड में लाई जा रही हैं.
/ ओम पराशर
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