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योगी सरकार का सौर ऊर्जा पर फोकस, बुंदेलखंड में हो रही पानी के साथ 'बिजली की खेती'

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थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने की दिशा में आगे बढ़ रही योगी सरकार

लखनऊ, 10 अप्रैल . पानी के साथ बिजली के खेत का सपना याेगी सरकार के प्रयासाें से अब उत्तर प्रदेश में पंख पसारने लगा है. इस सपने को बुंदेलखंड हकीकत में बदल रहा है. सरकार के प्रयास से शुरू हुई खेत तालाब योजना और सौर ऊर्जा को दिए जा रहे प्रोत्साहन से यह साकार हो रहा है. बूंद-बूंद पानी सहेजने के लिए सरकार खेत तालाब योजना पर काम कर रही है. इसके तहत तालाब की खुदाई पर पर सरकार 50 से 75 फीसद तक अनुदान देती है. सामान्य वर्ग के लघु सीमांत किसानों को लागत का 50 फीसद या 80 हजार रुपये और इसी वर्ग के अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को 75 फीसद या एक लाख रुपये तक का अनुदान देय है. योजना के तहत अब तक करीब 5000 तालाबों की खुदाई हो चुकी है. इन तालाबों में संचित बारिश का पानी सूखे के समय में सिंचाई और मवेशियों के पीने के काम आता है.

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को देश के पहले सोलर एक्सप्रेस वे में बदलने की है. इसके तहत करीब 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे के दोनों ओर सोलर पार्क विकसित करने की तैयारी है. इस क्रम में एक्सप्रेस वे के 14 नोड्स पर सोलर पार्क स्थापित किए जाने हैं. इसी क्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों में सोलर एनर्जी की सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा. सोलर पार्क से पहले चरण में खेती और गांव में बिजली सप्लाई के लिए बनाए गए बिजली फीडर से सोलर एनर्जी को सप्लाई किया जाएगा. यानी प्रदेश में सबसे पहले गांव सोलर एनर्जी से रौशन होंगे. इसके साथ ही खेतों की सिंचाई के लिए लगने वाले पंपों को पूरी तरह से सोलर एनर्जी से संचालित किया जाएगा.

शौर्य एवं संस्कार के साथ अब सौर ऊर्जा भी होगी बुंदेलखंड की पहचान. क्योंकि, बिजली की खेती के लिए योगी सरकार का बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा पर खास फोकस है. योगी सरकार पारंपरिक ऊर्जा प्रणाली, थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है.

मालूम हो कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में सबसे अहम भूमिका बिजली की होगी. दरअसल, योगी सरकार की नीतियों को देखते हुए विदेश के साथ देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए आ रहे हैं. ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को चलाने के लिए बिजली की डिमांड काफी बढ़ जाएगी. इसके लिए योगी सरकार नई उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 भी लेकर आई है, जिसके तहत सौर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कई तरह की रियाततें दी गईं हैं.

बुंदेलखंड सोलर एनर्जी के लिहाज से सबसे मुफीद जगह है. चित्रकूट और झांसी के दो डिफेंस नोड यहीं हैं. सरकार झांसी और कानपुर के बीच बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण (बीडा) के नाम से नया औद्योगिक शहर बना रही है. ललितपुर में फार्मा पार्क पर भी काम चल रहा है. चित्रकूट धाम विकास कॉरिडोर के जरिये जिस तरह चित्रकूट के विकास और एडवेंचर टूरिज्म के जरिये बुंदेलखंड के किलों, गढ़ और गढ़ियों के विकास का काम चल रहा है, उससे आने वाले दिनों में यहां पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी. नए होटल रेस्टोरेंट भी खुलेंगे. इस वजह से भी बिजली की खपत बढ़ेगी.

चित्रकूट, झांसी और ललितपुर में सोलर पार्क प्रस्तावितइन सब वजहों और संभावनाओं के नाते योगी सरकार बुंदेलखंड को सोलर एनर्जी के हब में के रूप में विकसित करना चाहती है. इसके तहत चित्रकूट में 3400 एकड़ पर 800 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट बनेगा. इससे सालाना 1900 मिलियन यूनिट बिजली मिलेगी. बुंदेलखंड से लगे कानपुर शहर और देहात को भी अगर इसमें शामिल कर लें तो यहां भी सौर मंडल से 110 मेगावाट सालाना बिजली पैदा होगी.

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/ बृजनंदन

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