जयपुर, 1 मई . भारतीय डाक विभाग ने पुस्तकों और अध्ययन सामग्री को कम लागत में भेजने के लिए 1 मई से ‘ज्ञान पोस्ट सेवा’ की शुरुआत की.
उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ‘ज्ञान पोस्ट’ के तहत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक बोर्ड, विश्वविद्यालय, सरकार के अधीन स्वायत्त निकाय और सांविधिक निकाय से संबंधित पुस्तकें, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली पाठ्यपुस्तकें और देश के सुसंगत विधि के अनुसार जारी या प्रकाशित सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्वरूप से संबंधित साहित्य डाक द्वारा भेजे जा सकेंगे. ऐसे सभी पैकेट पर ज्ञान पोस्ट अंकित होने चाहिए. ‘ज्ञान पोस्ट’ के अंतर्गत भेजी जाने वाली पुस्तकों और मुद्रित शैक्षिक सामग्रियों को ट्रैक किया जा सकेगा और कम लागत के प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने के लिए सतही माध्यम से परिवहन किया जा सकेगा. इसके तहत बुक करने के लिए न्यूनतम पैकेट वजन सीमा 300 ग्राम और अधिकतम वजन सीमा पांच किलोग्राम होगी और शुल्क 20 रुपए से शुरू होकर अधिकतम 100 रुपये (लागू करों के अनुसार) तक होगा.
यादव ने बताया कि ‘ज्ञान पोस्ट’ सेवा ‘हर घर ज्ञान-हर सपने को उड़ान’ की संकल्पना के साथ देश के हर हिस्से में शिक्षा का समर्थन करने और शिक्षार्थियों तक पहुंचने के लिए भारतीय डाक की निरंतर प्रतिबद्धता दर्शाती है. शिक्षा एक सशक्त भविष्य का आधार है लेकिन सीखने के संसाधनों तक पहुंच भौगोलिक परिस्थिति या सामर्थ्य पर निर्भर नहीं होनी चाहिए. ‘ज्ञान पोस्ट’ को इस विश्वास के साथ सृजित गया है कि एक पाठ्यपुस्तक, एक मार्गदर्शिका पुस्तिका या एक सांस्कृतिक पुस्तक किफायती दरों पर डाकघर के माध्यम से अंतिम छोर तक पहुंचकर लोगों को लाभ पहुँचाएगी.
गौरतलब है कि ‘ज्ञान पोस्ट’ के अंतर्गत केवल गैर-वाणिज्यिक, शैक्षणिक सामग्री ही भेजी जा सकेगी. इस सेवा के अंतर्गत व्यावसायिक या वाणिज्यिक प्रकाशन, या विज्ञापन (आकस्मिक घोषणाओं या पुस्तक सूचियों के अलावा) वाले प्रकाशन स्वीकार नहीं किए जाएँगे. प्रत्येक पुस्तक पर निर्धारित शर्तों के अनुसार मुद्रक या प्रकाशक का नाम होना चाहिए.
‘ज्ञान पोस्ट’ आरंभ होने के साथ ही डाकघरों में विद्यार्थियों, शिक्षकों, अध्ययन प्रेमियों ने पहुंचकर इसके बारे में जानकारी लेना शुरू कर दिया.
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/ रोहित
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