आक्रोश रैली को लेकर कांग्रेस नेताओं ने 10 सितंबर को कोटा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। गुंजल ने कहा कि देश खतरनाक दौर से गुजर रहा है। आम लोगों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। संविधान ने आम आदमी को वोट देने की ताकत दी है। उसे भी सत्ता के डर से छीनने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए पूरी प्रशासनिक मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर वोट के अधिकार की ताकत जनता के हाथ में नहीं रहेगी, तो भारत में संविधान का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, देहात अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, रामगंजमंडी से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेंद्र राजोरिया शामिल हुए।
प्रदेश में हर तरफ अराजकता फैली हुई है
गुंजल ने कहा- पूरे प्रदेश में अराजकता फैली हुई है। विकास नाम की कोई चीज नहीं है। सरकार बेखबर है। पूरा प्रदेश अतिवृष्टि से जूझ रहा है। खासकर कोटा-बूंदी जिले के कई गांवों में करोड़ों का नुकसान हुआ। सरकार के नुमाइंदे सिर्फ लोगों के बीच जाकर फोटो खिंचवा रहे हैं। अभी तक पीड़ितों को कोई राहत नहीं मिली है। मौजूदा आपदा राहत प्रावधान सागर में एक बूँद के समान हैं। ये प्राकृतिक आपदा की भरपाई नहीं कर सकते। गुंजल ने कहा- हमने सरकार से विशेष पैकेज की घोषणा की माँग की है। अकेले निमोदा गाँव में प्राकृतिक आपदा से ज़्यादा मानवीय भूल हुई। एक ठेकेदार, जो भाजपा कार्यकर्ता है, को तालाब में मछली पकड़ने का ठेका और जाल बिछाने की इजाज़त दे दी गई। नतीजा यह हुआ कि कुछ ही पलों में गाँव पानी में डूब गया। दिन का समय था, इसलिए लोग अपनी जान तो बचा पाए, लेकिन अपनी संपत्ति नहीं बचा पाए। जानवर बंधे रहे। इन हालातों के लिए कौन ज़िम्मेदार है? ऐसे में जब भगवान राम नाराज़ होते हैं, तो जनता को सरकार से उम्मीदें होती हैं। राज नाटक कर रहा है, मज़ाक कर रहा है।
बिजली व्यवस्था को निजीकरण की ओर धकेलने की कोशिश
गुंजल ने कहा- स्मार्ट मीटर के नाम पर पूरे देश की बिजली व्यवस्था को निजीकरण की ओर धकेलने की कोशिश हो रही है। एक तरफ़ पीएम मोदी कहते हैं कि वे 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं मुफ़्त देंगे। जिस देश में 80 करोड़ लोग 5 किलो मुफ़्त गेहूं पर गुज़ारा कर रहे हों, क्या वे स्मार्ट मीटर का भुगतान कर पाएँगे? स्मार्ट मीटर का मतलब प्रीपेड व्यवस्था की ओर बढ़ना है। यह पूरे देश के साथ अन्याय है। सरकार खून चूसने का रास्ता खोज रही है। कांग्रेस इन सब बातों को लेकर पूरी ताकत से सड़कों पर उतरेगी।
गुंजल ने कहा- कोटा में न तो एसपी और न ही आईजी की कोई चलती है। वे बस अपनी हाज़िरी लगा रहे हैं और समय काट रहे हैं। एक पदोन्नत व्यक्ति अधिकारी बनकर पूरी व्यवस्था चला रहा है। उसके कक्ष में एक तरफ पुलिस अधिकारी और दूसरी तरफ शहर के बड़े अपराधी बैठते हैं।10 सितंबर का प्रदर्शन पीड़ित लोगों की भागीदारी के साथ अत्याचारों का प्रदर्शन होगा। पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा प्रदर्शन में शामिल होंगे। विधानसभा सत्र चल रहा है, इसलिए हो सकता है कि नेता प्रतिपक्ष न आएँ। ज़िला संगठन ने प्रदेश संगठन को पत्र लिखा है। विधानसभा सत्र चल रहा है। इसलिए हो सकता है कि शांति धारीवाल न आएँ। ज़िला अध्यक्ष ने धारीवाल जी को आक्रोश रैली के बारे में जानकारी दी। गुंजल ने कहा कि त्योहारों के दौरान धारा 163 (पहले धारा 144) लगाना अव्यावहारिक है।
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