राजस्थान में दो दिनों की बारिश और राहत भरे मौसम के बाद एक बार फिर गर्म हवाओं ने प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है। मौसम में आए इस बदलाव ने लोगों को एक बार फिर गर्मी की मार झेलने पर मजबूर कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेशभर में लू का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है और अगले कुछ दिनों तक इससे राहत की कोई संभावना नजर नहीं आ रही।
राजधानी जयपुर सहित अधिकांश जिलों में तापमान में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 2 से 3 दिनों में दिन के तापमान में औसतन 2 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इससे प्रदेश में गर्मी का असर और अधिक तीव्र हो जाएगा। सुबह से ही गर्म हवाएं चलने लगी हैं और दोपहर होते-होते लू का असर स्पष्ट रूप से महसूस किया जा रहा है।
मौसम विभाग ने 15 अप्रैल को प्रदेश के 6 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की संभावना है, जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। विभाग ने विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को दिन के समय घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
राजस्थान के पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी जिलों में यह प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है। बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, चूरू, गंगानगर और जैसलमेर जैसे इलाकों में दिन का तापमान 43 डिग्री तक पहुंच रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अप्रैल के मध्य में इतनी अधिक गर्मी पिछले कुछ वर्षों में कम ही देखने को मिली है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता कम होने और बादलों की गैरमौजूदगी के कारण सूरज की तपिश सीधे ज़मीन पर असर डाल रही है, जिससे लू की स्थिति बनी है। वातावरण में नमी की कमी और तेज धूप लू के खतरे को और बढ़ा रही है।
मौसम विभाग ने जनता को चेतावनी दी है कि वे बिना आवश्यक कारणों के दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक घरों से बाहर न निकलें। खुले स्थानों पर काम करने वाले श्रमिकों और राहगीरों को छांव में रुकने और भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है। साथ ही, प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखते हुए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लू से संबंधित दवाइयों और सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
फिलहाल, मौसम विभाग ने 18 अप्रैल तक लू से राहत की कोई संभावना नहीं जताई है। ऐसे में राज्य के लोगों को अभी कुछ दिन और तेज गर्मी का सामना करना पड़ेगा। मौसम में इस बदलाव ने कृषि कार्यों और रोज़मर्रा की गतिविधियों पर भी असर डालना शुरू कर दिया है।
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