Next Story
Newszop

क्या सचमुच महामृत्युंजय मंत्र टाल सकता है अकाल मृत्यु? इस पौराणिक वीडियो में जाने शिव के इस दिव्य मंत्र की महिमा

Send Push

धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में महामृत्युंजय मंत्र को सबसे शक्तिशाली और चमत्कारिक मंत्र माना गया है। कहते हैं कि यह मंत्र न केवल मनुष्य की मानसिक और शारीरिक परेशानियों को दूर करता है, बल्कि अकाल मृत्यु जैसी बड़ी विपत्ति को भी टाल देता है। इसीलिए इसे "मृत्यु को जीतने वाला मंत्र" कहा गया है। आज हम जानेंगे कि आखिर महामृत्युंजय मंत्र इतना प्रभावी क्यों है और इसके जाप से जीवन में किस प्रकार सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

महामृत्युंजय मंत्र का महत्व

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित है। यह ऋग्वेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद में वर्णित है। इसे "त्र्यंबक मंत्र" भी कहा जाता है क्योंकि इसमें भगवान शिव को त्रिनेत्रधारी (तीन नेत्र वाले) कहा गया है। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि इस मंत्र का नियमित जप करने से मनुष्य को दीर्घायु प्राप्त होती है और रोग, भय, संकट और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है।

मंत्र की शक्ति कैसे काम करती है?

मंत्र उच्चारण मात्र ध्वनि नहीं है, बल्कि ऊर्जा का एक विशेष स्वरूप है। जब व्यक्ति श्रद्धा और आस्था के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है, तो उसके आसपास एक सकारात्मक कंपन (Positive Vibration) का निर्माण होता है। ये कंपन नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर मानसिक शांति प्रदान करते हैं। आयुर्वेद और योग शास्त्र के अनुसार, यह मंत्र शरीर की कोशिकाओं तक सकारात्मक ऊर्जा पहुंचाता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और असमय मृत्यु का खतरा कम हो जाता है।

अकाल मृत्यु से बचाव

शिव पुराण में उल्लेख है कि जो व्यक्ति संकट के समय इस मंत्र का जाप करता है, उसकी रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं। मान्यता है कि महामृत्युंजय मंत्र व्यक्ति को जीवन के उन कठिन मोड़ों पर संबल देता है, जहां मृत्यु का भय सामने खड़ा होता है। यही कारण है कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के पास भी इस मंत्र का जाप या पाठ करवाया जाता है। विश्वास है कि मंत्र की शक्ति से आयु बढ़ाई जा सकती है और रोगी को नया जीवन मिल सकता है।

कैसे करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप?

महामृत्युंजय मंत्र का जाप सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव के सामने बैठकर करना सबसे शुभ माना जाता है। रुद्राक्ष की माला से 108 बार या 21 बार इस मंत्र का जप किया जा सकता है। अगर व्यक्ति कठिन समय से गुजर रहा हो, तो प्रतिदिन 5, 11 या 21 माला का जप करना विशेष लाभकारी माना जाता है। जल, बेलपत्र और धूप दीप अर्पित कर मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिकों ने भी माना है कि मंत्रोच्चारण से उत्पन्न ध्वनि-तरंगें हमारे मस्तिष्क और स्नायु तंत्र पर गहरा प्रभाव डालती हैं। महामृत्युंजय मंत्र के उच्चारण से निकलने वाली ध्वनि-तरंगें हृदय की धड़कन को नियंत्रित करती हैं, मानसिक तनाव को कम करती हैं और रक्त संचार को संतुलित करती हैं। इस प्रकार यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक रूप से बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।

Loving Newspoint? Download the app now