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इस मंदिर में मूर्तियां करती हैं बातचीत, वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाए ये रहस्य

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भारत को आस्था और विविधताओं का देश कहा जाता है। यहाँ हर धर्म, संस्कृति और परंपरा का सम्मान होता है। यही वजह है कि देश के हर कोने में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च देखने को मिलते हैं। लेकिन इनमें से कुछ धार्मिक स्थलों के पीछे ऐसे रहस्य छिपे होते हैं, जिन्हें आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। ऐसा ही एक रहस्यमयी मंदिर है बिहार के बक्सर जिले में स्थित — राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर

मूर्तियाँ करती हैं आपस में बातें?

इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों के बीच एक अनोखी मान्यता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्तियाँ रात के समय आपस में बातचीत करती हैं। मंदिर के पास से गुजरने वाले कई लोगों का दावा है कि उन्हें ऐसा महसूस होता है जैसे मंदिर के अंदर कोई धीमी-धीमी आवाज में कुछ बड़बड़ा रहा हो। ये घटनाएं इतनी रहस्यमयी हैं कि कभी-कभी राहगीर डर के मारे ठिठक जाते हैं

400 साल पुराना है मंदिर

राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर की स्थापना करीब 400 साल पहले हुई थी। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण एक श्रद्धालु भवानी मिश्र नामक व्यक्ति ने करवाया था। खास बात यह है कि आज भी इस मंदिर की देखरेख मिश्र परिवार द्वारा की जाती है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य को निभाते आ रहे हैं।

क्यों माना जाता है शक्तिपीठ?

यह मंदिर सिर्फ अपनी रहस्यमयी आवाजों के लिए ही नहीं, बल्कि इसकी धार्मिक महत्ता के लिए भी जाना जाता है। इसे एक शक्तिपीठ माना जाता है — यानी वह स्थान जहां देवी शक्ति का वास होता है। इस मंदिर में कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं, जिनमें देवी त्रिपुर सुंदरी मुख्य हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु मानते हैं कि जो भी यहां सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है।

तांत्रिकों की भी है गहरी आस्था

राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर पर सिर्फ आम श्रद्धालुओं की ही नहीं, बल्कि तांत्रिकों और साधकों की भी गहरी आस्था है। कई तांत्रिक यहां गुप्त साधनाओं के लिए आते हैं। रात के समय जब पूरा मंदिर परिसर शांत रहता है, तब कई लोगों ने वहां अजीब-अजीब सी आवाजें सुनी हैं। यही कारण है कि इसे एक रहस्यमयी और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर स्थान माना जाता है।

वैज्ञानिक भी रह गए हैरान

मंदिर की रहस्यमयी गतिविधियों की खबर जब वैज्ञानिकों तक पहुंची तो उन्होंने भी वहां जाकर रिसर्च की। वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस मंदिर परिसर में ध्वनि तरंगों का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि मंदिर में रात के समय कुछ शब्द गूंजते रहते हैं, हालांकि वहां कोई व्यक्ति मौजूद नहीं होता।

वैज्ञानिकों ने माना कि यहां कुछ ऐसा जरूर हो रहा है, जिसे आज की तकनीक से पूरी तरह समझा नहीं जा सका है। उन्होंने इस संभावना को भी नकारा नहीं कि मंदिर की आकृति और बनावट ऐसी हो सकती है, जो आवाजों को गूंजने का प्रभाव देती है। फिर भी, कई वैज्ञानिकों ने यह स्वीकारा कि यहां जो हो रहा है, वह सामान्य नहीं है।

मुगलों का भी नहीं चला जोर

ऐसी मान्यता है कि जब मुगल शासकों ने भारत के कई हिस्सों में हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने की कोशिश की थी, तब भी वे इस शक्तिपीठ को नहीं तोड़ पाए। कहा जाता है कि इस मंदिर को क्षति पहुँचाने का प्रयास करने वाले लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो गए या समय से पहले ही मृत्यु को प्राप्त हुए। इसलिए स्थानीय लोग मानते हैं कि इस मंदिर की दैवीय रक्षा होती है और यह स्थान हर तरह के संकट से सुरक्षित है।

निष्कर्ष

राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि रहस्य, आस्था और विज्ञान के संगम का प्रतीक है। जहां एक ओर श्रद्धालु इसे देवी का निवास मानते हैं, वहीं वैज्ञानिक भी इसकी अनोखी गतिविधियों को पूरी तरह खारिज नहीं कर पाए हैं।

भारत के ऐसे रहस्यमयी मंदिरों की वजह से ही हमारी संस्कृति और परंपरा को दुनिया में अलग पहचान मिलती है। यह मंदिर आज भी लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है — कुछ आस्था से, तो कुछ रहस्य जानने की जिज्ञासा से।

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