इंटरनेट डेस्क। हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ व्यापार पर संघर्ष विराम समझौते में मध्यस्थता करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को खारिज करने के बावजूद, मंगलवार को सऊदी अरब के रियाद में एक भाषण में एक बार फिर यही बात दोहराई गई। सऊदी अरब की द्विपक्षीय यात्रा पर गए डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह शांति स्थापित करने में सहायक बनना चाहते हैं, साथ ही उन्होंने सीरिया के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के दौरान लगाए गए दीर्घकालिक अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा की।
क्या बोले ट्रंप...मेरी सबसे बड़ी उम्मीद शांतिदूत बनना और सबको एक सूत्र में पिरोना है। मुझे युद्ध पसंद नहीं है... मैंने तीन सप्ताह में ISIS को खत्म कर दिया। लोगों ने कहा था कि इसमें 4-5 साल लगेंगे। हमने इसे तीन सप्ताह में कर दिखाया। उन्होंने कहा कि अपने शांति निर्माता बयान के समर्थन में ट्रम्प ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध विराम का उदाहरण दिया और दावा किया कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान दोनों से परमाणु मिसाइलों के बजाय वस्तुओं का व्यापार करने को कहा है।
परमाणु मिसाइलों का व्यापार नहीं...कुछ ही दिन पहले, मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए ऐतिहासिक संघर्ष विराम की सफलतापूर्वक मध्यस्थता की। मैंने काफी हद तक व्यापार का इस्तेमाल किया। मैंने कहा कि चलो एक सौदा करते हैं, चलो कुछ व्यापार करते हैं। चलो परमाणु मिसाइलों का व्यापार नहीं करते। चलो उन चीजों का व्यापार करते हैं जो आप इतनी खूबसूरती से बनाते हैं। और उन दोनों के पास बहुत शक्तिशाली नेता हैं, मजबूत नेता हैं और यह सब बंद हो गया। उम्मीद है कि यह ऐसे ही रहेगा।
PC : DDNews
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