श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों का नरसंहार किया था। आतंकियों के हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है। इस जांच के दौरान आतंकियों के कई ओवरग्राउंड वर्कर्स पकड़े गए हैं। हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक इनमें से एक ओवरग्राउंड वर्कर ने बताया है कि आतंकियों ने हमले से पहले 3 और जगह की भी रेकी की थी। जांच में ये भी सामने आया है कि आतंकियों ने बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमले के लिए पाकिस्तान में बने हथियार इस्तेमाल किए।
अखबार के मुताबिक ओवर ग्राउंड वर्कर ने जांच करने वालों को बताया कि 20 अप्रैल से ही आतंकी बैसरन घाटी में थे। उन लोगों ने 15 अप्रैल को बैसरन के साथ आरु घाटी, बेताब घाटी और पहलगाम के एक एम्यूजमेंट पार्क की भी रेकी की थी। आतंकियों ने जब देखा कि पहलगाम के बैसरन घाटी के अलावा तीनों जगह काफी सुरक्षा है, तो उन्होंने वहां हमले का इरादा छोड़ दिया। अखबार के मुताबिक करीब 20 ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने इन आतंकियों की मदद की। इनमें से कई को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। बचे हुए बाकी ओवर ग्राउंड वर्कर्स पर एनआईए ने नजर बना रखी है।
पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए हमले की एनआईए ने एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में बीएनएस की 8 धाराएं लगाई गई हैं। एनआईए ने एफआईआर में कहा है कि पाकिस्तान में बने हथियारों से आतंकियों ने पर्यटकों की हत्या की। साथ ही जांच में ये खुलासा भी हुआ है कि पाकिस्तान में ही पहलगाम के हमलावर आतंकियों के हैंडलर हैं। हमले की योजना पाकिस्तान में बनी। पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स ने आतंकियों के भारत में घुसने का रास्ता तय किया और हथियार दिए। पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमले की घटना के बाद भारत और पाकिस्तान में जबरदस्त तनाव है। जिस तरह पीएम नरेंद्र मोदी ने चेतावनी दी है कि इस हमले के जिम्मेदारों और उनके आकाओं को बख्शा नहीं जाएगा, उससे पाकिस्तान हिला हुआ है। पाकिस्तान को लग रहा है कि भारत इस बार बड़ा हमला कर सकता है। इससे पहले मोदी सरकार ने ही सेना और वायुसेना से पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक भी कराई थी। इसी वजह से पाकिस्तान में खौफ और भी ज्यादा है।
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