अरे भई, नोएडा वाले जेवर एयरपोर्ट का इंतज़ार कर रहे लोगों के लिए खबर है कि इसका काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है। ये तीसरी बार है जब एयरपोर्ट को पूरा करने की तारीख आगे बढ़ाई गई है। पहले की दो डेडलाइन तो हाथ से निकल ही चुकी हैं। अब कहा जा रहा है कि शायद 30 जून 2025 तक ये बनकर तैयार हो पाएगा।
इस देरी को लेकर यूपी के बड़े अधिकारी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भी चिंता जताई है। उन्होंने एक बड़ी मीटिंग करके साफ कहा है कि काम जल्दी पूरा किया जाए। एयरपोर्ट बना रही कंपनी, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने অবশ্য सरकार को भरोसा दिलाया है कि वे पूरी कोशिश कर रहे हैं। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी वाले खुद जाकर देखेंगे कि काम कितना आगे बढ़ा है और फिर अपनी रिपोर्ट देंगे।
काम में तेज़ी लाने की कोशिश, पर मजदूरों की कमी
सुनने में आया है कि काम की रफ़्तार बढ़ाने के लिए दूसरी जगहों से करीब 2,000 और मज़दूरों को जेवर एयरपोर्ट पर लगाया जा रहा है। पहले से ही लगभग 6,500 लोग वहां काम कर रहे थे। लेकिन दिक्कत ये है कि अभी फसल कटाई का मौसम चल रहा है, तो कुछ मज़दूर अपने गाँव लौट गए हैं, जिससे थोड़ी मज़दूरों की कमी हो गई है।
सबसे बड़ी रुकावट: पानी साफ़ करने वाले प्लांट
असल में, एयरपोर्ट पर पानी साफ़ करने वाले प्लांट (WTP) और गंदे पानी को ट्रीट करने वाले प्लांट (STP) का काम सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। ये दोनों अभी तक मुश्किल से 40-43% ही बन पाए हैं। खबरों की मानें तो इन प्लांट्स के दो ठेकेदार बीच में ही काम छोड़कर चले गए, जिससे इनका बनना अटक गया। अब कंपनी हड़बड़ी में नए ठेकेदारों को ढूंढ रही है ताकि एयरपोर्ट शुरू होने में और देर न हो।
बाकी काम तो लगभग पूरा, पर प्लांट्स ने रोकी रफ़्तार
मीटिंग में अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों के लिए ज़्यादातर सुविधाएं तैयार हैं। जैसे कि हवाई जहाज़ तक जाने वाले 10 एयरोब्रिज लग चुके हैं, लिफ्ट और सामान लाने-ले जाने वाला बैगेज सिस्टम भी फिट हो गया है। रनवे, जहाज़ों के खड़े होने की जगह (एप्रन), एटीसी टावर जैसे बड़े काम भी निपट गए हैं।
लेकिन असली पेंच वही WTP और STP पर फंसा है। इनका काम डेढ़ महीने पहले जहाँ था, लगभग वहीं अटका हुआ है। अब तो अधिकारी ये भी सोचने लगे हैं कि अगर ये प्लांट जल्दी नहीं बने, तो एयरपोर्ट चलाने के लिए इनका कोई दूसरा जुगाड़ (विकल्प) ढूंढना पड़ेगा।
कुल मिलाकर 90% काम हो चुका है
अधिकारियों का कहना है कि वैसे देखा जाए तो एयरपोर्ट का 90 फीसदी ढांचागत काम पूरा हो गया है। रनवे और एयरसाइड का काम लगभग ख़त्म है। जैसा बताया, 10 एयरोब्रिज, बैगेज सिस्टम, लिफ्ट, साइनबोर्ड वगैरह सब लग चुके हैं। बस इंटरनेशनल टर्मिनल में कुछ फिनिशिंग का काम बाकी है, जैसे बाहर से मंगाए गए कपड़े वाले पैनल लगाना, जो मुंबई में तैयार हो रहे हैं।
घरेलू टर्मिनल लगभग रेडी, इंटरनेशनल में थोड़ा काम बाकी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के सीईओ अरुण वीर सिंह का कहना है कि टर्मिनल बिल्डिंग का काम तेज़ी से चल रहा है। घरेलू यात्रियों वाला हिस्सा तो लगभग तैयार है, जबकि अंतरराष्ट्रीय वाला हिस्सा भी 75% बन चुका है। उसकी ऊपरी मंज़िल की छत का काम अभी चल रहा है।
10 मई को होगी अहम जांच
अब सबकी नज़रें 10 मई पर टिकी हैं। इस दिन एयरपोर्ट को उड़ाने भरने का लाइसेंस देने वाली दो बड़ी सरकारी टीमें – DGCA और BCAS – मिलकर जांच करेंगी। ये जांच एक ज़रूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद हो रही है। BCAS ने कहा है कि अगर सब ठीक रहा और उन्हें उनके सवालों के जवाब मिल गए, तो वे 45 दिन के अंदर सुरक्षा की हरी झंडी दे देंगे।
कब शुरू होगा एयरपोर्ट? DGCA के पास 3 प्लान:
DGCA सोच रहा है कि एयरपोर्ट को कैसे शुरू किया जाए। उनके पास तीन विकल्प हैं:
15 मई से सिर्फ माल ढुलाई (कार्गो) शुरू कर दें।
कुछ गिनी-चुनी यात्री उड़ानें शुरू करने की इजाज़त दें।
या फिर, पहले फेज़ का पूरा काम एक साथ शुरू करें।
देखते हैं, ऊंट किस करवट बैठता है!
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