काठमांडू: नेपाल शिक्षा संघ की घोषणा के बाद ‘नेपाल शिक्षक संघ’ ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। देश में शिक्षक एक नये शिक्षा अधिनियम की मांग कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हड़ताल का उद्देश्य सरकार पर अपनी मांगें पूरी करने के लिए दबाव बनाना है।
नेपाल में स्कूल शिक्षकों के मुख्य संगठन नेपाल शिक्षक महासंघ ने घोषणा की थी कि शिक्षकों को अपने स्कूल बंद कर देने चाहिए और 9 तारीख को काठमांडू में इकट्ठा होना चाहिए। उन्हें 9 तारीख को होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा गया था।
इस महासंघ ने शिक्षकों से उत्तर पुस्तिकाएं जांचने से मना किया है। इसलिए परिणाम घोषित नहीं किये जा सकते। परिणामस्वरूप, नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में देरी होना तय है। महासंघ ने कहा है कि शिक्षकों के चल रहे आंदोलन को मजबूत करने के लिए 7 अप्रैल से ही स्कूलों में हड़ताल करने की बात कही है तथा 9 अप्रैल को होने वाले व्यापक आंदोलन में भाग लेने को कहा है। अब 19 अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।
नेपाल की शिक्षा मंत्री विद्या भट्टाराई ने नेपाल के प्रमुख समाचार पत्र काठमांडू पोस्ट को बताया कि सरकार ने उन्हें कई बार बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। मैंने व्यक्तिगत रूप से महासंघ के अध्यक्ष को बातचीत के लिए बुलाया और प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों से भी बात की, लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। वे कहते हैं कि अगर हम इस पर चर्चा करेंगे तो क्या होगा? कुछ नहीं, दरअसल, 2 अप्रैल से ही शिक्षक काठमांडू में एकत्रित हो रहे हैं। उन्हें सरकार के इस आश्वासन पर भरोसा नहीं है कि वह इस अधिनियम को लागू करेगी, क्योंकि नये शिक्षा अधिनियम का विधेयक संसद में डेढ़ साल से लंबित है।
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