इस्लामाबाद: पाकिस्तान मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) ने 2 नवंबर को लाहौर की मीनार-ए-पाकिस्तान पर होने वाले अपने वार्षिक कार्यकर्ता सम्मेलन को स्थगित कर दिया है। एमएमएल को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जमात-उद-दावा (जेयूडी) का राजनीतिक मोर्चा माना जाता है। ये गुट आतंकी हाफिज सईद के हैं, जिसे अपने भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। सईद की सरपरस्ती वाले एमएमएल के अपने सम्मेलन को टालने के पीछे की वजह भारतीय सेना के त्रिशूल अभ्यास को माना जा रहा है।
लश्कर के सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि बड़े पैमाने पर होने वाले इस सम्मेलन को स्थगित करने का फैसला संगठन के शीर्ष नेतृत्व के लिए बाहरी खतरों का हवाला देते हुए लिया गया। यह घटनाक्रम बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और त्रिशूल सैन्य अभ्यास के बीच हुआ है। संगठन के कुछ लोगों का मानना है कि त्रिशूल को इस प्रोग्राम को स्थगित करने से जोड़ा जा सकता है।
नई तारीख का ऐलान नहींएमएमएल सम्मेलन टालने की घोषणा लश्कर कमांडरों ने नुक्कड़ सभाओं के जरिए अनौपचारिक रूप से की है। उन्होंने खुलासा किया कि इस निर्णय को समूह के प्रमुख हाफिज सईद ने मंजूरी दे दी है। सईद के व्यक्तिगत रूप से लाहौर सम्मेलन में उपस्थित होकर उसे संबोधित करने की संभावना थी। इस आयोजन की अभी तक कोई नई तारीख घोषित नहीं की गई है।
लश्कर ही नहीं पाकिस्तानी सेना और सरकार भी त्रिशूल से चिंतित है। पाकिस्तान ने पांच दिनों के भीतर दूसरा नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी किया है। पाकिस्तान का 1 से 30 नवंबर तक प्रभावी यह नवीनतम NOTAM पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के बड़े हिस्से को, खासतौर से दक्षिणी और तटीय क्षेत्रों को बंद कर देता है।
पाकिस्तान में हलचलभारत की तीनों सेनाओं के अभ्यास 'त्रिशूल 2025' के बीच पाकिस्तान में हलचल देखी जा रही है। भारतीय सेना पाकिस्तान सीमा के पास त्रिशूल नाम का अब तक का संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही है। 30 अक्टूबर को शुरू हुए और 10 नवंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में तीनों सेनाओं के 25 हजार जवान शामिल हो रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान में इसको लेकर चिंता है।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक बयान में कहा कि यह युद्धाभ्यास नियमित प्रकृति के हैं। हर साल तीनों सेनाओं का विशाल युद्धाभ्यास करना भारतीय सेना की परंपरा है। हालांकि इस दफा अभियानों का पैमाना, जटिलता और क्षेत्र काफी बड़ा है। त्रिशूल के दौरान कई संयुक्त युद्ध अभ्यास किए जाएंगे। इससे तीनों सेनाओं किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहती है।
लश्कर के सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि बड़े पैमाने पर होने वाले इस सम्मेलन को स्थगित करने का फैसला संगठन के शीर्ष नेतृत्व के लिए बाहरी खतरों का हवाला देते हुए लिया गया। यह घटनाक्रम बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और त्रिशूल सैन्य अभ्यास के बीच हुआ है। संगठन के कुछ लोगों का मानना है कि त्रिशूल को इस प्रोग्राम को स्थगित करने से जोड़ा जा सकता है।
नई तारीख का ऐलान नहींएमएमएल सम्मेलन टालने की घोषणा लश्कर कमांडरों ने नुक्कड़ सभाओं के जरिए अनौपचारिक रूप से की है। उन्होंने खुलासा किया कि इस निर्णय को समूह के प्रमुख हाफिज सईद ने मंजूरी दे दी है। सईद के व्यक्तिगत रूप से लाहौर सम्मेलन में उपस्थित होकर उसे संबोधित करने की संभावना थी। इस आयोजन की अभी तक कोई नई तारीख घोषित नहीं की गई है।
लश्कर ही नहीं पाकिस्तानी सेना और सरकार भी त्रिशूल से चिंतित है। पाकिस्तान ने पांच दिनों के भीतर दूसरा नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी किया है। पाकिस्तान का 1 से 30 नवंबर तक प्रभावी यह नवीनतम NOTAM पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के बड़े हिस्से को, खासतौर से दक्षिणी और तटीय क्षेत्रों को बंद कर देता है।
पाकिस्तान में हलचलभारत की तीनों सेनाओं के अभ्यास 'त्रिशूल 2025' के बीच पाकिस्तान में हलचल देखी जा रही है। भारतीय सेना पाकिस्तान सीमा के पास त्रिशूल नाम का अब तक का संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही है। 30 अक्टूबर को शुरू हुए और 10 नवंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में तीनों सेनाओं के 25 हजार जवान शामिल हो रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान में इसको लेकर चिंता है।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक बयान में कहा कि यह युद्धाभ्यास नियमित प्रकृति के हैं। हर साल तीनों सेनाओं का विशाल युद्धाभ्यास करना भारतीय सेना की परंपरा है। हालांकि इस दफा अभियानों का पैमाना, जटिलता और क्षेत्र काफी बड़ा है। त्रिशूल के दौरान कई संयुक्त युद्ध अभ्यास किए जाएंगे। इससे तीनों सेनाओं किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहती है।
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