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ट्रंप के पूर्व NSA जॉन बोल्टन पर लगाया गया अभियोग, गुप्त दस्तावेजों को रखने समेत 18 आरोप, भारत का समर्थन करने की सजा?

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वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अब आलोचक बन चुके जॉन बोल्टन पर अमेरिका की संघीय ग्रैंड ज्यूरी ने आपराधिक आरोप लगाया है। बोल्टन पर क्लासीफाइड दस्तावेजों के कथित दुरुपयोग का आरोप है। 76 वर्षीय पूर्व राजनयिक पर गोपनीय सूचनाओं के दुरुपयोग के मामले में लंबे समय से जांच चल रही है। हाल के हफ्तों में वह अमेरिकी राष्ट्रपति के तीसरे विरोधी हैं, जिन पर आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। बोल्टन के अभियोग पर पूछे जाने पर ट्रंप ने अपने पूर्व सहयोगी को एक बुरा इंसान बताया। ट्रंप ने वॉइट हाउस में पत्रकारों से कहा, मुझे लगता है कि वह एक बुरे इंसान हैं। बोल्टन भारत के खिलाफ ट्रंप की टैरिफ कार्रवाइयों की खुलकर आलोचना करते रहे हैं।



इस अभियोग के बारे में सबसे पहले अमेरिकी मीडिया हाउस CNN ने जानकारी दी और बाद में समाचार एजेंसियों ने इसकी पुष्टि की। बोल्टन ने 2018-19 के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के NSA के रूप में काम किया। उन पर अपने कार्यकाल के दौरान क्लासीफाइड रिकार्डों को अनुचित तरीके से घर पर रखने समेत 18 आरोप तय किए गए हैं।



ईरानी हैकिंग से खुला बोल्टन का राज

इसी साल अगस्त में संघीय जांच के तहत FBI ने बोल्टन के मैरीलैंड स्थित घर और वॉशिंगटन डीसी स्थित उनके कार्यालय में छापा मारा था। सीलबंद किए गए अदालती दस्तावेजों के अनुसार, एजेंटों ने कथित तौर पर क्लासीफाइड, गोपनीय और सीक्रेट मार्क की गई फाइलें जब्त कीं। अभियोग के अनुसार, यह गोपनीय जानकारी तब सामने आई जब ईरान की सरकार से जुड़े माने जाने वाले लोगों ने 2021 में बोल्टन के ईमेल अकाउंट को हैक कर लिया और उस संवेदनशील जानकारी तक पहुंच हासिल कर ली जिसे पूर्व NSA ने साझा किया था।



बोल्टन ने ट्रंप लगाया आरोप

बोल्टन ने कहा, 'अब मैं न्याय विभाग को हथियार बनाकर उन लोगों पर हथियार बनाने का नवीनतम लक्ष्य बन गया हूं, जिन्हें वह अपना दुश्मन मानते हैं या जो पहले खारिज किए जा चुके थे या तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं।' वहीं, अटॉर्नी जनरल पॉम बॉन्डी ने एक बयान में कहा, 'सभी अमेरिकियों के लिए न्याय का एक ही स्तर है। जो कोई भी सत्ता का दुरुपयोग करता है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालता है, उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।'



ट्रंप की भारत नीति की आलोचना

ईरानी शासन के लंबे समय से आलोचक रहे बोल्टन राष्ट्रीय सुरक्षा के कट्टर समर्थक रहे हैं। उन्हें तेहरान से जान से मारने की धमकियां तक मिल चुकी हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में बोल्टन राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे थे। साल 2019 में ट्रंप ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। बाद में उन्होंने एक किताब 'The Room Where it Happened' लिखी, जिसने ट्रंप को नाराज कर दिया। वे ट्रंप की भारत नीति की सख्त निंदा करते रहे हैं और कहा है कि यह नई दिल्ली को वॉशिंगटन से दूर धकेल रहा है। उन्होंने ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य कहा है।

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