इस्लामाबाद/नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत जब पाकिस्तान के एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइलें गिरा रहा था तब पाकिस्तान असहाय था। पाकिस्तान के कई नेताओं ने बाद में कबूल किया है कि भारत के ब्रह्मोस मिसाइल रोकने का वक्त पाकिस्तान के पास नहीं था। भारत ने पलक झपकते ही पाकिस्तान वायुसेना के 11 एयरबेस को तबाह कर दिए। ऑपरेशन सिंदूर से साबित हो चुका है कि पाकिस्तान के पास पारंपरिक लड़ाई में भारत से लड़ने की क्षमता नहीं है। इसीलिए वो पिछले दो दशकों से भारत को परमाणु बम दिखाकर ब्लैकमेल करता रहा है, लेकिन अब भारत ने कहा है कि वो न्यूक्लियर ब्लैकमेल की धमकी बर्दाश्त नहीं करेगा।
लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान सालों से छोटे-छोटे परमाणु बम बनाता रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि चीन, रूस, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान जैसे देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। इसीलिए सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान किस तरह के परमाणु बमों को जमा कर रहा है? कई इंटरनेशनल रिपोर्ट्स में पिछले कई सालों से दावा किया जाता रहा है कि पाकिस्तान "टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स" बना रहा है। ये वो परमाणु बम होते हैं जो आकार और क्षमता में छोटे होते हैं और कई एक्सपर्ट्स कह चुके हैं कि अगर भारत, पीओके को लेने की कोशिश करता है तो ऐसे बमों के इस्तेमाल का डर पाकिस्तान दिखा सकता है। इसीलिए सवाल ये है कि "टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स" क्या होते हैं? आइये हम समझते हैं।
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स क्या होते हैं?
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान के पास छोटे सामरिक परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री शेख रशीद भी पहले इन छोटे परमाणु बमों का जिक्र कर चुके हैं। इसलिए, यह समझना जरूरी हो जाता है कि ये बम क्या हैं। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में सामरिक परमाणु हथियार (TNW-Tactical Nuclear Weapons) विकसित किए हैं। इन्हें खास तौर पर भारत को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
पाकिस्तान ने TNW इसलिए विकसित किए हैं क्योंकि वह जानता है कि पारंपरिक युद्ध में भारत से जीतने की उसकी क्षमता नहीं है। भारत की विशाल सैन्य क्षमता पाकिस्तान को आसानी से कुचल सकती है, इसीलिए उसने अपने तरकश में एक नया तीर जोड़ा है। इन्हें सामरिक परमाणु बम कहा जाता है। ये पारंपरिक परमाणु बमों से अलग होते हैं। ये बम एक खास क्षेत्र को तबाह करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं ताकि बड़े क्षेत्रों में काफी ज्यादा विनाश को रोका जा सके, लेकिन वह छोटा क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
पाकिस्तान के पास किस प्रकार के सामरिक परमाणु बम हैं?
इस बात के पर्याप्त सबूत मिले हैं कि पाकिस्तान ने साल 2011 के बाद से TNW डेवलप किए हैं। डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की वर्ल्डवाइड थ्रेट असेसमेंट 2025 रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान, भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। इसीलिए वो विनाशक हथियार बना रहा है। जैसे शाहीन-III और अबाबील मिसाइल को पाकिस्तान ने भारत के एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया है।
दावा किया जाता है कि अबाबील मिसाइल को चीन ने MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस किया है। इस क्षमता के साथ एक ही मिसाइल से एक बार में कई ठिकानों पर हमला किया जा सकता है। ये मिसाइलें परमाणु बम गिराने वाली मिसाइले हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान बाबर-3 जैसी पनडुब्बी आधारित क्रूज मिसाइलों के जरिए एक सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है।
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स कितने विनाशक होते हैं?
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स यानि TNWs को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनका प्रभाव भी विनाशकाही ही होने की आशंका है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मौजूदा TNWs, जापान पर गिराए गये परमाणु बमों के मुकाबले भी काफी क्षमता वाले हैं, इसलिए इनके इस्तेमाल से कई सौ किलोमीटर के क्षेत्र में विनाशक असर होगा। क्षेत्रीय विनाश और लाखों लोगों की मौत की आशंका बनेगी। इमारतें और बुनियादी ढांचे तबाह हो जाएंगे। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे फर्क नहीं पड़ेगा कि TNWs कितनी तबाही मचाते हैं, बात असल में ये है कि अगर पाकिस्तान ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करता है तो भारत भी पलटवार करेगा और इससे दोनों ही देशों में ऐसा विनाश मचेगा, जिससे कई सदियों में पार नहीं पाया जा सकेगा।
लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान सालों से छोटे-छोटे परमाणु बम बनाता रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि चीन, रूस, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान जैसे देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। इसीलिए सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान किस तरह के परमाणु बमों को जमा कर रहा है? कई इंटरनेशनल रिपोर्ट्स में पिछले कई सालों से दावा किया जाता रहा है कि पाकिस्तान "टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स" बना रहा है। ये वो परमाणु बम होते हैं जो आकार और क्षमता में छोटे होते हैं और कई एक्सपर्ट्स कह चुके हैं कि अगर भारत, पीओके को लेने की कोशिश करता है तो ऐसे बमों के इस्तेमाल का डर पाकिस्तान दिखा सकता है। इसीलिए सवाल ये है कि "टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स" क्या होते हैं? आइये हम समझते हैं।
Breaking: 'Pakistan's been testing nuclear weapons', says US President Donald Trump
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 3, 2025
Vdo ctsy: CBS pic.twitter.com/kmYpGrvo5Q
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स क्या होते हैं?
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान के पास छोटे सामरिक परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री शेख रशीद भी पहले इन छोटे परमाणु बमों का जिक्र कर चुके हैं। इसलिए, यह समझना जरूरी हो जाता है कि ये बम क्या हैं। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में सामरिक परमाणु हथियार (TNW-Tactical Nuclear Weapons) विकसित किए हैं। इन्हें खास तौर पर भारत को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
पाकिस्तान ने TNW इसलिए विकसित किए हैं क्योंकि वह जानता है कि पारंपरिक युद्ध में भारत से जीतने की उसकी क्षमता नहीं है। भारत की विशाल सैन्य क्षमता पाकिस्तान को आसानी से कुचल सकती है, इसीलिए उसने अपने तरकश में एक नया तीर जोड़ा है। इन्हें सामरिक परमाणु बम कहा जाता है। ये पारंपरिक परमाणु बमों से अलग होते हैं। ये बम एक खास क्षेत्र को तबाह करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं ताकि बड़े क्षेत्रों में काफी ज्यादा विनाश को रोका जा सके, लेकिन वह छोटा क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
पाकिस्तान के पास किस प्रकार के सामरिक परमाणु बम हैं?
इस बात के पर्याप्त सबूत मिले हैं कि पाकिस्तान ने साल 2011 के बाद से TNW डेवलप किए हैं। डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की वर्ल्डवाइड थ्रेट असेसमेंट 2025 रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान, भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। इसीलिए वो विनाशक हथियार बना रहा है। जैसे शाहीन-III और अबाबील मिसाइल को पाकिस्तान ने भारत के एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया है।
दावा किया जाता है कि अबाबील मिसाइल को चीन ने MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस किया है। इस क्षमता के साथ एक ही मिसाइल से एक बार में कई ठिकानों पर हमला किया जा सकता है। ये मिसाइलें परमाणु बम गिराने वाली मिसाइले हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान बाबर-3 जैसी पनडुब्बी आधारित क्रूज मिसाइलों के जरिए एक सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है।
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स कितने विनाशक होते हैं?
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स यानि TNWs को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनका प्रभाव भी विनाशकाही ही होने की आशंका है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मौजूदा TNWs, जापान पर गिराए गये परमाणु बमों के मुकाबले भी काफी क्षमता वाले हैं, इसलिए इनके इस्तेमाल से कई सौ किलोमीटर के क्षेत्र में विनाशक असर होगा। क्षेत्रीय विनाश और लाखों लोगों की मौत की आशंका बनेगी। इमारतें और बुनियादी ढांचे तबाह हो जाएंगे। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे फर्क नहीं पड़ेगा कि TNWs कितनी तबाही मचाते हैं, बात असल में ये है कि अगर पाकिस्तान ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करता है तो भारत भी पलटवार करेगा और इससे दोनों ही देशों में ऐसा विनाश मचेगा, जिससे कई सदियों में पार नहीं पाया जा सकेगा।
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