8 दिसंबर 2021। बीसीसीआई ने शाम होते-होते एक बड़ा ऐलान किया। ये ऐलान था विराट कोहली से वनडे टीम की कप्तानी छिनने का। हर कोई हैरान था और सभी की जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल था कि क्यों? जब विराट कोहली राजी थे तो उनसे कप्तानी छीनने की जरूरत क्या थी? हैरानी इस बात को लेकर भी ज्यादा थी कि वनडे फॉर्मेट में विराट से अच्छा रिकॉर्ड बतौर कप्तान किसी दूसरे खिलाड़ी का नहीं था। 95 मैचों में कप्तानी करते हुए विराट की कप्तानी में टीम 65 मुकाबले जीती थी। जीत का औसत 70 प्रतिशत से ज्यादा था। लेकिन बोर्ड के आगे किसकी चली।
रोहित शर्मा पर सौरव गांगुली का भरोसा
उस वक्त के बीसीसीआई हेड सौरव गांगुली का पूरा भरोसा रोहित शर्मा के ऊपर था। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह थी कि रोहित के नाम के साथ कप्तानी का बड़ा रिकॉर्ड था। 5 आईपीएल की ट्रॉफी जीती थी और एशिया कप में भी रोहित टीम की नैया पार लगा लाए थे। गांगुली ने विराट से कप्तानी छीनने का सीधा सा कारण यह बताया था कि हम अलग-अलग फॉर्मेट का अलग कप्तान नहीं रख सकते। टी20 की कप्तानी पहले ही रोहित के पास थी अब पूरी तरह से वह वाइट बॉल में भारत के कप्तान बन चुके थे। स्पोर्ट्स स्कैन की अपनी सीरीज में आज हम आपको बताएंगे कि विराट कोहली की ही तरह कैसे आगे जाकर रोहित की कप्तानी भी छिन गई।
विराट के फैंस को इस बात का करारा झटका लगा था। उनका हीरो पूरी तरह से अकेला पड़ गया था। रोहित के अंडर एक नए युग की शुरुआत हो रही थी और धीरे-धीरे भारतीय क्रिकेट फैंस ने यह बात पचा भी ली। सब कुछ ठीक चल रहा था। दादा (सौरव गांगुली) ने बीसीसीआई अध्यक्ष का पद कुछ समय बाद छोड़ दिया और रोजर बिन्नी नए अध्यक्ष के तौर पर जुड़ चुके थे। हालांकि इससे रोहित की कप्तानी पर कोई आंच नहीं आई। रोहित लगे रहे और टीम को रिजल्ट भी मिलते रहे।
2023 वर्ल्ड कप में टूटा दिल
इसके बाद 2023 का वर्ल्ड कप आया। रोहित की कप्तानी में एक अलग टीम इंडिया दिखी। क्रिकेट के इतिहास में आजतक कोई भी भारतीय टीम वर्ल्ड कप में इतनी खतरनाक नहीं लगी थी, जितनी उस वर्ल्ड कप में थी। रोहित की टीम अलग-अलग वेन्यू पर दुनिया की तगड़ी टीमों को मात देकर फाइनल तक आ पहुंची थी। 10 मैच और 10 ही जीत। भारत के विजय रथ को रोकना यहां एकदम नामुमकिन नजर आ रहा था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने पहले भी कई ऐसे नामुमकिन कामों को क्रिकेट के खेल में मुमकिन किया था। फिर यही हुआ। 19 नवंबर 2023 को भारतीय टीम फाइनल में हार गई। तमाम क्रिकेट फैंस का हाल कुछ वैसा ही था जैसा मैदान पर रोहित का था। ना तो आंसू छिपाए जा रहे थे और ना निकाले जा रहे थे। उम्मीद टूट गई और रोहित का वर्ल्ड कप जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया।
रोहित की कप्तानी में फिर आया टर्निंग पाइंट
अब अगला वर्ल्ड कप 2027 में है। लेकिन सेलेक्टर्स का अभी भी रोहित को कप्तानी से हटाने का कोई मूड नहीं नजर आ रहा था। लेकिन इसके बाद एक ऐसा समय आया जहां से रोहित की कप्तानी पर सवाल उठने लगे। नवंबर 2024 में न्यूजीलैंड की टीम 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के लिए भारत आई थी। इस सीरीज पर टीम इंडिया के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने की उम्मीदें काफी हद तक टिकी हुई थीं। घर में टीम इंडिया 2012 के बाद से एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। लेकिन इस बार किस्मत इतनी खराब थी कि न्यूजीलैंड की एक नई नवेली टीम घर में आकर टीम इंडिया का 3-0 से क्लीन स्वीप कर गई। टीम हारती रही और रोहित शर्मा देखते रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पूछा गया कि रोहित टीम कैसे हार गई। तो रोहित ने बेहद अजीबोगरीब अंदाज में कहा कि '12 साल में एक हार तो चलती है।'
रोहित ने अपने इस बयान को भले ही हल्के में लिया हो, लेकिन बाहर मीडिया और क्रिकेट फैंस को उनका ऐसा बोलना चुभ गया था। फिर टीम इंडिया एक महीने बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई और वहां भी टीम ने बुरी तरह मुंह की खाई। आलम यह था कि पूरी सीरीज में अपने खराब प्रदर्शन के चलते रोहित को कप्तान होते हुए भी आखिरी मैच से बाहर बैठना पड़ा। यहां से सेलेक्टर्स और फैंस को एक बात समझ आने लगी थी कि रोहित कमजोर पड़ रहे थे।
फिर चैंपियंस ट्रॉफी जीती
हालांकि इसके बावजूद रोहित की कप्तानी पर अभी तक कोई आंच नहीं आई थी। टीम फरवरी 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी में उतरी। यहां भी बिना कोई मैच हारे टीम इंडिया ट्रॉफी जीत गई। रोहित की कप्तानी पर से सवाल के घेरे एक बार फिर से हट गए। हर किसी को लगने लगा था कि रोहित वाइट बॉल में तो हिट हैं, लेकिन उनके साथ टेस्ट टीम का बेड़ा पार नहीं होने वाला। जब बातें मीडिया में ज्यादा बढ़ने लगी तों रोहित ने मई 2025 में टेस्ट फॉर्मेट से रिटायर होने का मन बना लिया। और शायद यहीं रोहित से वह गलती हो गई जो आने वाले समय में उनसे वनडे टीम की कप्तानी भी छीन लेने वाली थी।
टी20 से पहले ही रिटायर होने वाले रोहित टेस्ट से भी संन्यास कर चुके थे। अब सिर्फ एक फॉर्मेट था, वनडे। आर्टिकल की शुरुआत में ही मैंने आपको बताया था कि बीसीसीआई कभी भी इस बात की पैरवी नहीं करता कि अलग-अलग फॉर्मेट में टीम का अलग कप्तान हो। तो फिर जैसा 4 साल पहले विराट कोहली के साथ हुआ, वहीं अब रोहित के साथ भी। रोहित को 4 अक्तूबर 2025 को यह कहकर भारतीय टीम की कप्तानी से हटा दिया गया कि हर फॉर्मेट में टीम का अलग कप्तान नहीं हो सकता। टेस्ट में पहले ही टीम को लीड करने वाले शुभमन गिल को कप्तानी सौंप दी गई और रोहित को बतौर खिलाड़ी टीम में शामिल कर लिया गया।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आखिरी बार आएंगे नजर?हालांकि सवाल यह है कि रोहित कब तक टीम का हिस्सा रहेंगे? शायद ऑस्ट्रेलिया दौरा उनके लिए आखिरी भी हो। जब तक कोई खिलाड़ी कप्तान हो उसका सिक्का जमा रहता है, लेकिन अब चूंकि रोहित कप्तान नहीं हैं तो उन्हें भी दूसरे किसी भी खिलाड़ी की तरह हटाया जा सकता है। ऐसे में रोहित को अगर वर्ल्ड कप जीतने का सपना 2027 में सच में पूरा करना है तो ऑस्ट्रेलिया में रन बनाने होंगे।
रोहित शर्मा पर सौरव गांगुली का भरोसा
उस वक्त के बीसीसीआई हेड सौरव गांगुली का पूरा भरोसा रोहित शर्मा के ऊपर था। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह थी कि रोहित के नाम के साथ कप्तानी का बड़ा रिकॉर्ड था। 5 आईपीएल की ट्रॉफी जीती थी और एशिया कप में भी रोहित टीम की नैया पार लगा लाए थे। गांगुली ने विराट से कप्तानी छीनने का सीधा सा कारण यह बताया था कि हम अलग-अलग फॉर्मेट का अलग कप्तान नहीं रख सकते। टी20 की कप्तानी पहले ही रोहित के पास थी अब पूरी तरह से वह वाइट बॉल में भारत के कप्तान बन चुके थे। स्पोर्ट्स स्कैन की अपनी सीरीज में आज हम आपको बताएंगे कि विराट कोहली की ही तरह कैसे आगे जाकर रोहित की कप्तानी भी छिन गई।
विराट के फैंस को इस बात का करारा झटका लगा था। उनका हीरो पूरी तरह से अकेला पड़ गया था। रोहित के अंडर एक नए युग की शुरुआत हो रही थी और धीरे-धीरे भारतीय क्रिकेट फैंस ने यह बात पचा भी ली। सब कुछ ठीक चल रहा था। दादा (सौरव गांगुली) ने बीसीसीआई अध्यक्ष का पद कुछ समय बाद छोड़ दिया और रोजर बिन्नी नए अध्यक्ष के तौर पर जुड़ चुके थे। हालांकि इससे रोहित की कप्तानी पर कोई आंच नहीं आई। रोहित लगे रहे और टीम को रिजल्ट भी मिलते रहे।
2023 वर्ल्ड कप में टूटा दिल
इसके बाद 2023 का वर्ल्ड कप आया। रोहित की कप्तानी में एक अलग टीम इंडिया दिखी। क्रिकेट के इतिहास में आजतक कोई भी भारतीय टीम वर्ल्ड कप में इतनी खतरनाक नहीं लगी थी, जितनी उस वर्ल्ड कप में थी। रोहित की टीम अलग-अलग वेन्यू पर दुनिया की तगड़ी टीमों को मात देकर फाइनल तक आ पहुंची थी। 10 मैच और 10 ही जीत। भारत के विजय रथ को रोकना यहां एकदम नामुमकिन नजर आ रहा था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने पहले भी कई ऐसे नामुमकिन कामों को क्रिकेट के खेल में मुमकिन किया था। फिर यही हुआ। 19 नवंबर 2023 को भारतीय टीम फाइनल में हार गई। तमाम क्रिकेट फैंस का हाल कुछ वैसा ही था जैसा मैदान पर रोहित का था। ना तो आंसू छिपाए जा रहे थे और ना निकाले जा रहे थे। उम्मीद टूट गई और रोहित का वर्ल्ड कप जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया।
रोहित की कप्तानी में फिर आया टर्निंग पाइंट
अब अगला वर्ल्ड कप 2027 में है। लेकिन सेलेक्टर्स का अभी भी रोहित को कप्तानी से हटाने का कोई मूड नहीं नजर आ रहा था। लेकिन इसके बाद एक ऐसा समय आया जहां से रोहित की कप्तानी पर सवाल उठने लगे। नवंबर 2024 में न्यूजीलैंड की टीम 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के लिए भारत आई थी। इस सीरीज पर टीम इंडिया के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने की उम्मीदें काफी हद तक टिकी हुई थीं। घर में टीम इंडिया 2012 के बाद से एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। लेकिन इस बार किस्मत इतनी खराब थी कि न्यूजीलैंड की एक नई नवेली टीम घर में आकर टीम इंडिया का 3-0 से क्लीन स्वीप कर गई। टीम हारती रही और रोहित शर्मा देखते रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पूछा गया कि रोहित टीम कैसे हार गई। तो रोहित ने बेहद अजीबोगरीब अंदाज में कहा कि '12 साल में एक हार तो चलती है।'
रोहित ने अपने इस बयान को भले ही हल्के में लिया हो, लेकिन बाहर मीडिया और क्रिकेट फैंस को उनका ऐसा बोलना चुभ गया था। फिर टीम इंडिया एक महीने बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई और वहां भी टीम ने बुरी तरह मुंह की खाई। आलम यह था कि पूरी सीरीज में अपने खराब प्रदर्शन के चलते रोहित को कप्तान होते हुए भी आखिरी मैच से बाहर बैठना पड़ा। यहां से सेलेक्टर्स और फैंस को एक बात समझ आने लगी थी कि रोहित कमजोर पड़ रहे थे।
फिर चैंपियंस ट्रॉफी जीती
हालांकि इसके बावजूद रोहित की कप्तानी पर अभी तक कोई आंच नहीं आई थी। टीम फरवरी 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी में उतरी। यहां भी बिना कोई मैच हारे टीम इंडिया ट्रॉफी जीत गई। रोहित की कप्तानी पर से सवाल के घेरे एक बार फिर से हट गए। हर किसी को लगने लगा था कि रोहित वाइट बॉल में तो हिट हैं, लेकिन उनके साथ टेस्ट टीम का बेड़ा पार नहीं होने वाला। जब बातें मीडिया में ज्यादा बढ़ने लगी तों रोहित ने मई 2025 में टेस्ट फॉर्मेट से रिटायर होने का मन बना लिया। और शायद यहीं रोहित से वह गलती हो गई जो आने वाले समय में उनसे वनडे टीम की कप्तानी भी छीन लेने वाली थी।
टी20 से पहले ही रिटायर होने वाले रोहित टेस्ट से भी संन्यास कर चुके थे। अब सिर्फ एक फॉर्मेट था, वनडे। आर्टिकल की शुरुआत में ही मैंने आपको बताया था कि बीसीसीआई कभी भी इस बात की पैरवी नहीं करता कि अलग-अलग फॉर्मेट में टीम का अलग कप्तान हो। तो फिर जैसा 4 साल पहले विराट कोहली के साथ हुआ, वहीं अब रोहित के साथ भी। रोहित को 4 अक्तूबर 2025 को यह कहकर भारतीय टीम की कप्तानी से हटा दिया गया कि हर फॉर्मेट में टीम का अलग कप्तान नहीं हो सकता। टेस्ट में पहले ही टीम को लीड करने वाले शुभमन गिल को कप्तानी सौंप दी गई और रोहित को बतौर खिलाड़ी टीम में शामिल कर लिया गया।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आखिरी बार आएंगे नजर?हालांकि सवाल यह है कि रोहित कब तक टीम का हिस्सा रहेंगे? शायद ऑस्ट्रेलिया दौरा उनके लिए आखिरी भी हो। जब तक कोई खिलाड़ी कप्तान हो उसका सिक्का जमा रहता है, लेकिन अब चूंकि रोहित कप्तान नहीं हैं तो उन्हें भी दूसरे किसी भी खिलाड़ी की तरह हटाया जा सकता है। ऐसे में रोहित को अगर वर्ल्ड कप जीतने का सपना 2027 में सच में पूरा करना है तो ऑस्ट्रेलिया में रन बनाने होंगे।
You may also like
वाराणसी: रिकार्डतोड़ बारिश से जलभराव, निकासी के लिए दो दर्जन से अधिक जगहों पर लगा पंप
युवा ही राष्ट्र की वास्तविक ऊर्जा :साकेत मिश्रा
न्यायलय के आदेश पर तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 12 के खिलाफ हत्या की साजिश का मुकदमा दर्ज
अन्तर्राजीज्य गैंग के छह शातिर बदमाश गिरफ्तार, एक करोड़ से अधिक कैश और असलहा बरामद
सुगम पुस्तकालय के निरीक्षण में दिव्यांग बच्चों की उपस्थिति कम होने पर सीडीओ खफा