Next Story
Newszop

सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी ने खोले बीजेपी के हाथ, जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी के लिए अब ज्यादा विकल्प? जानें कब ऐलान

Send Push
नागपुर: उपराष्ट्रपति के चुनाव में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पद दांव खेलकर बीजेपी उस दवाब से बाहर निकल आई है, जो पूर्व राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से बना था। तब राजनीति प्रेक्षकों ने कहा था राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने से पहले बीजेपी उपराष्ट्रपति की चुनौती हल करनी होगी। धनखड़ के इस्तीफे पहले से बीजेपी का नया अध्यक्ष ओबीसी होने की ज्यादा संभावना व्यक्त की जा रही थी, अब चित्र समीकरण बदलते दिख रहे हैं, चूंकि सीपी राधाकृष्णन खुद ओबीसी हैं। ऐसे में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर किसी अगड़ी जाति के नेता को बैठने के बारे में सोच सकती है। मीडिया में बीजेपी के नए अध्यक्ष की आखिरी डेडलाइन 15 अगस्त सामने आई थी, हालांकि अब वह भी गुजर चुकी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ गुजरात और उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान भी बाकी है।





ओबीसी चुनने का दबाव खत्म


दिल्ली में मानसूत्र सत्र और SIR पर विपक्ष के हंगामें को लेकर खूब शोरगुल है लेकिन महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में गतिविधियां सामान्य हैं। संघ के 100वें वर्ष के कार्यक्रमों की तैयारियां चल रही है। इनका आगाज विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भावगत के संबोधन के साथ हो जाएगा, लेकिन बीजेपी ने जिस तरह से उपराष्ट्रपति के कैंडिडेंट के चयन से चौंकाया है। उसके बाद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा? यह सवाल और अहम हो चला है। महाराष्ट्र के राजनीतिक विश्लेषक दयानंद नेने कहते हैं चुनौती को अवसर में परवर्तित कर लेना कोई पीएम मोदी और अमित शाह से सीखे। नेने कहते हैं कि अभी तक भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र यादव जैसे नेता दौड़ में आए थे। इसकी वजह बिहार चुनाव था, लेकिन अब हालात वाकई में बदल गए हैं। बीजेपी कुछ नए नामों पर सोच सकती है क्योंकि सीपीआर ओबीसी हैं, हालांकि जगदीप धनखड़ भी ओबीसी थे, लेकिन उसके साथ दूसरी परिस्थितियां थीं।









कब तक ऐलान संभव है?

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जब उपराष्ट्रपति पद के लिए NDA कैंडिडेट के तौर पर सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया था। तब वह काफी अलग बॉडी लैंग्वेज में नजर आए थे। चूंकि उपराष्ट्रपति के चुनाव से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान की संभावना नहीं है। ऐसे में 9 सितंबर से पहले किसी भी सूरत में ऐलान नहीं हो पाएगा। जानकार बता रहे हैं कि इससे पहले 7 सितंबर से श्राद्ध शुरू हो रहे हैं जो 21 सितंबर रहेंगे। इस बीच भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान की संभावना कम व्यक्त की जा रही है। इसके बाद दशहरा और दिवाली का पर्व है। तब तक बिहार विधानसभा चुनाव भी घोषित होने की उम्मीद है। ऐसे में ज्यादा उम्मीद इस बात की है अब बीजेपी के नए अध्यक्ष का ऐलान बिहार चुनावों के बाद हो।





नड्डा के पास है बिहार कनेक्शन

जेपी नड्डा भले ही हिमाचल प्रदेश से आते हैं लेकिन उनके पास मजबूत बिहार कनेक्शन है। उनका न सिर्फ बिहार के पटना में जन्म हुआ बल्कि वे बड़े भी पटना में हुए हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई भी पटना के कॉलेज से की। बाद में एलएलबी की डिग्री शिमला से ली। ऐसे में नड्‌डा ने अपने शुरुआत के 20 से अधिक साल बिहार में बिताए हैं। वे हिमाचल के होने के साथ बिहार की माटी से गहरा नाता रखते हैं। विश्वस्त सूत्र कहते हैं कि तमाम नामों के बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और और वर्तमान में ऊर्जा मंत्री के साथ शहरी विकास मंत्रालय संभाल रहे मनोहर लाल बीजेपी के नए अध्यक्ष की दौड़ में बने हुए हैं। उनका स्वयंसेवक और प्रचारक होना भारी पड़ सकता है।

Loving Newspoint? Download the app now