मुंबई: एमटीआर फूड्स और ईस्टर्न मसाले की सत्वाधिकारी कंपनी ऑर्क्ला इंडिया (Orkla India) के शेयर गुरुवार को IPO प्राइस से 3% प्रीमियम पर लिस्ट हुए। NSE पर शेयर की शुरुआत 750.10 रुपये पर हुई, जबकि BSE पर यह 751.50 रुपये पर खुला। इस आईपीओ को 48.74 गुना अभिदान मिला था। हालांकि, शुरू में इसका जीएमपी भी 10 फीसदी से ज्यादा बताया गया था। शेयर अलॉटमेंट के बाद भी इसका जीएमपी नौ फीसदी से ज्यादा दिखाया जा रहा था।
बेहद सफल रहा था आईपीओ
ऑर्क्ला इंडिया का 1,667 करोड़ रुपये का IPO बहुत सफल रहा। यह IPO बीते 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक खुला था और इसे सभी तरह के निवेशकों से ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली। कुल मिलाकर, इस इश्यू को 48.7 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें संस्थागत निवेशकों की मांग सबसे ज़्यादा थी। QIB (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स) का हिस्सा 117.6 गुना, NII (नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) का हिस्सा 54.4 गुना और रिटेल निवेशकों का हिस्सा 7 गुना सब्सक्राइब हुआ। यह दिखाता है कि भले ही यह IPO पूरी तरह से 'ऑफर फॉर सेल' (OFS) था, यानी कंपनी ने कोई नया पैसा नहीं जुटाया, फिर भी निवेशकों ने इसमें खूब दिलचस्पी दिखाई।
विश्लेषकों का क्या है कहना
विश्लेषकों का कहना है कि IPO में नया पैसा न जुटाए जाने के बावजूद, निवेशकों का उत्साह ऑर्क्ला की मज़बूत ब्रांड वैल्यू, पैक्ड फूड्स और मसालों के बाज़ार में उसकी लीडरशिप और नॉर्वे की मल्टीनेशनल कंपनी ऑर्क्ला ASA के सपोर्ट की वजह से बढ़ा है। कंपनी के पास कन्वीनियंस फूड्स, रेडी मिक्स और कंडिमेंट्स जैसे अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स हैं, जो उसे लगातार ग्रोथ देते हैं। साथ ही, कंपनी का बैलेंस शीट भी काफी मज़बूत है और उस पर कर्ज़ बहुत कम है। मेहता इक्विटीज़ के सीनियर VP रिसर्च, प्रशांत तापसे के मुताबिक, बाज़ार की थोड़ी सुस्ती के बावजूद इस इश्यू को उम्मीद से ज़्यादा सब्सक्रिप्शन मिला। यह कंपनी के फंडामेंटल्स में "मज़बूत निवेशक रुचि और विश्वास" को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "ऑर्क्ला इंडिया एक आकर्षक लॉन्ग-टर्म स्ट्रक्चरल ग्रोथ स्टोरी पेश करता है। जिन निवेशकों को शेयर मिले हैं, उन्हें उन्हें लंबे समय के लिए रखना चाहिए। वहीं, जिन निवेशकों को शेयर नहीं मिले हैं, वे लिस्टिंग के बाद कीमतों में थोड़ी गिरावट आने पर खरीदने पर विचार कर सकते हैं।"
एंकर इन्वेस्टर्स भी खूब लगाए पैसे
ऑर्क्ला इंडिया ने 28 अक्टूबर को अपने 499.6 करोड़ रुपये के एंकर बुक में भी बड़े संस्थागत निवेशकों को आकर्षित किया था। HDFC म्यूचुअल फंड, SBI MF, ICICI प्रूडेंशियल MF, कोटक MF, एक्सिस MF और आदित्य बिड़ला सन लाइफ MF जैसे बड़े घरेलू फंड हाउस के साथ-साथ सिंगापुर सरकार और नॉर्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल जैसे बड़े विदेशी सॉवरेन फंड्स ने भी इसमें निवेश किया था। संस्थागत निवेशक संभवतः कंपनी के लगातार अच्छे वित्तीय प्रदर्शन और भारत में बढ़ते पैक्ड फूड बाज़ार पर दांव लगा रहे हैं। भारत में लोगों की बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम और शहरी खपत के रुझान से यह बाज़ार लगातार बढ़ रहा है।
वित्तीय प्रदर्शन और वैल्यूएशन
ऑर्क्ला इंडिया ने FY25 में 2,455 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल से 3% ज़्यादा है। वहीं, उसका प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 256 करोड़ रुपये रहा, जो 13% की बढ़ोतरी है। कंपनी की लाभप्रदता भी अच्छी है, जिसमें EBITDA मार्जिन 16.6% और ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड) 32.7% है। IPO के ऊपरी प्राइस बैंड पर, कंपनी का वैल्यूएशन FY25 की कमाई के मुकाबले 31.7 गुना था।
बेहद सफल रहा था आईपीओ
ऑर्क्ला इंडिया का 1,667 करोड़ रुपये का IPO बहुत सफल रहा। यह IPO बीते 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक खुला था और इसे सभी तरह के निवेशकों से ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली। कुल मिलाकर, इस इश्यू को 48.7 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें संस्थागत निवेशकों की मांग सबसे ज़्यादा थी। QIB (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स) का हिस्सा 117.6 गुना, NII (नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) का हिस्सा 54.4 गुना और रिटेल निवेशकों का हिस्सा 7 गुना सब्सक्राइब हुआ। यह दिखाता है कि भले ही यह IPO पूरी तरह से 'ऑफर फॉर सेल' (OFS) था, यानी कंपनी ने कोई नया पैसा नहीं जुटाया, फिर भी निवेशकों ने इसमें खूब दिलचस्पी दिखाई।
विश्लेषकों का क्या है कहना
विश्लेषकों का कहना है कि IPO में नया पैसा न जुटाए जाने के बावजूद, निवेशकों का उत्साह ऑर्क्ला की मज़बूत ब्रांड वैल्यू, पैक्ड फूड्स और मसालों के बाज़ार में उसकी लीडरशिप और नॉर्वे की मल्टीनेशनल कंपनी ऑर्क्ला ASA के सपोर्ट की वजह से बढ़ा है। कंपनी के पास कन्वीनियंस फूड्स, रेडी मिक्स और कंडिमेंट्स जैसे अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स हैं, जो उसे लगातार ग्रोथ देते हैं। साथ ही, कंपनी का बैलेंस शीट भी काफी मज़बूत है और उस पर कर्ज़ बहुत कम है। मेहता इक्विटीज़ के सीनियर VP रिसर्च, प्रशांत तापसे के मुताबिक, बाज़ार की थोड़ी सुस्ती के बावजूद इस इश्यू को उम्मीद से ज़्यादा सब्सक्रिप्शन मिला। यह कंपनी के फंडामेंटल्स में "मज़बूत निवेशक रुचि और विश्वास" को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "ऑर्क्ला इंडिया एक आकर्षक लॉन्ग-टर्म स्ट्रक्चरल ग्रोथ स्टोरी पेश करता है। जिन निवेशकों को शेयर मिले हैं, उन्हें उन्हें लंबे समय के लिए रखना चाहिए। वहीं, जिन निवेशकों को शेयर नहीं मिले हैं, वे लिस्टिंग के बाद कीमतों में थोड़ी गिरावट आने पर खरीदने पर विचार कर सकते हैं।"
एंकर इन्वेस्टर्स भी खूब लगाए पैसे
ऑर्क्ला इंडिया ने 28 अक्टूबर को अपने 499.6 करोड़ रुपये के एंकर बुक में भी बड़े संस्थागत निवेशकों को आकर्षित किया था। HDFC म्यूचुअल फंड, SBI MF, ICICI प्रूडेंशियल MF, कोटक MF, एक्सिस MF और आदित्य बिड़ला सन लाइफ MF जैसे बड़े घरेलू फंड हाउस के साथ-साथ सिंगापुर सरकार और नॉर्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल जैसे बड़े विदेशी सॉवरेन फंड्स ने भी इसमें निवेश किया था। संस्थागत निवेशक संभवतः कंपनी के लगातार अच्छे वित्तीय प्रदर्शन और भारत में बढ़ते पैक्ड फूड बाज़ार पर दांव लगा रहे हैं। भारत में लोगों की बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम और शहरी खपत के रुझान से यह बाज़ार लगातार बढ़ रहा है।
वित्तीय प्रदर्शन और वैल्यूएशन
ऑर्क्ला इंडिया ने FY25 में 2,455 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल से 3% ज़्यादा है। वहीं, उसका प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 256 करोड़ रुपये रहा, जो 13% की बढ़ोतरी है। कंपनी की लाभप्रदता भी अच्छी है, जिसमें EBITDA मार्जिन 16.6% और ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड) 32.7% है। IPO के ऊपरी प्राइस बैंड पर, कंपनी का वैल्यूएशन FY25 की कमाई के मुकाबले 31.7 गुना था।
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