प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में बुधवार देर शाम दुखद घटना सामने आई। करछना थाना क्षेत्र के लोहंदी गांव में पंचायत सदस्य (बीडीसी) शिव शंकर पांडेय ने अपने सिर में गोली मार ली। उन्होंने लाइसेंसी रिवॉल्वर से कनपटी पर गोली मारी। बताया जा रहा है कि गांव की एक महिला ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके बाद से वह आहत थे और तनाव में चल रहे थे। इस हादसे के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया।
38 साल के शिव शंकर पांडेय लोहंदी गांव से लगातार तीन बार से क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने गए थे। वह जनसेवा में सक्रिय रहने के कारण क्षेत्र में अच्छी छवि रखते थे। बीते सोमवार को गांव की एक महिला ने शिव शंकर और उनके दो ममेरे भाइयों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए करछना थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने दोनों भाइयों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। शिव शंकर भी बुधवार दोपहर तक थाने में मौजूद रहे। शाम करीब चार बजे वह घर लौटे और सीधे अपने कमरे में चले गए।
शिव शंकर ने खुद को कमरे में बंद कर लियाकुछ देर बाद शिव शंकर ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद उन्होंने लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपनी कनपटी पर गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर परिजन दौड़े और कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे। शिव शंकर खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि महिला की तरफ से लगाया गया दुष्कर्म का आरोप पूरी तरह झूठा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने थाने में घंटों तक दीपक को बैठाए रखा। इससे वह आहत थे।
38 साल के शिव शंकर पांडेय लोहंदी गांव से लगातार तीन बार से क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने गए थे। वह जनसेवा में सक्रिय रहने के कारण क्षेत्र में अच्छी छवि रखते थे। बीते सोमवार को गांव की एक महिला ने शिव शंकर और उनके दो ममेरे भाइयों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए करछना थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने दोनों भाइयों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। शिव शंकर भी बुधवार दोपहर तक थाने में मौजूद रहे। शाम करीब चार बजे वह घर लौटे और सीधे अपने कमरे में चले गए।
शिव शंकर ने खुद को कमरे में बंद कर लियाकुछ देर बाद शिव शंकर ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद उन्होंने लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपनी कनपटी पर गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर परिजन दौड़े और कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे। शिव शंकर खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि महिला की तरफ से लगाया गया दुष्कर्म का आरोप पूरी तरह झूठा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने थाने में घंटों तक दीपक को बैठाए रखा। इससे वह आहत थे।
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