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आकाश आनंद के माफी मांगते ही चंद घंटों में मायावती ने बसपा में वापस लिया, कहा- कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा

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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी में रविवार का दिन बड़े नाटकीय घटनाक्रम में जुड़ गया है। आकाश आनंद के मांफी मांगने के करीब तीन घंटे के अंदर भी बसपा प्रमुख मायावती ने उनकी पार्टी में वापसी तय कर दी है। मायावती ने अपने भतीने आकाश आनंद को माफ कर दिया है। हालांकि ये स्पष्ट कर दिया है कि मायावती फिलहाल आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करने वाली हैं। साथ ही आकाश आनंद के ससुर को लेकर भी शर्त रख दी है।आकाश आनंद ने रविवाद को ही एक्स पर एक पोस्ट किया। इसमें मायावती को अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू और आदर्श मानने की बात लिखी। साथ ही प्रण लिया कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए वह अपने रिश्ते-नातों को और खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने देंगे। आकाश आनंद को मायावती ने दिया मौकामायावती ने एक्स पर लिखा कि आकाश आनंद ने आज अपने चार पोस्ट में सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने और सीनियर लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने की बात लिखी। साथ ही अपने ससुर की बातों में आगे नहीं आकर बपसा और मूवमेंट के लिए जीवन समर्पित करने का वादा किया। इसके मद्देनजर इन्हें एक और मौका दिए जाने का निर्णय लिया गया। मायावती का कोई उत्तराधिकारी नहीं होगाबसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि वैसे अभी मैं स्वस्थ्य हूं और स्वस्थ्य रहूंने तक कांशीराम जी की तरह पार्टी और मूवमेंट के लिए समर्पित रहूंगी। ऐसे में मेरे उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। मायावती ने लिखा कि मैं अपने निर्णय पर अटल हूं और रहूंगी। आकाश का ससुर की बातों में न आने का वादाउन्होंने कहा कि वैसे पार्टी से निष्कासन के बाद आकाश अपनी तमाम गलतियों के लिए माफी मांगने और आगे ऐसी गलती नहीं करने को लेकर वह लोगों से लगातार संपर्क करता रहा है। आज उसने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानते हुए अपने ससुर की बातों में अब आगे नहीं आने का संकल्प व्यक्त किया है। अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में लेने से इनकारमायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियां माफ करने लायक नहीं हैं। उन्होंने गुटबाजी जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के कैरियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में अशोक सिद्धार्थ को माफ करने और पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।
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