क्या अब तेंदुओं की नसबंदी होगी? यूपी के बिजनौर में लगातार बढ़ते इस जंगली जानवर के आतंक को रोकने के लिए वन विभाग ने एक खास योजना बनाई है। इसी में तेंदुओं की आबादी को बढ़ने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही गई है।
दरअसल तेंदुओं की आबादी बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। किसी अन्य जंगली जानवर की जनसंख्या इतनी तेजी से नहीं बढ़ी है। 2018 से 2022 के बीच इनकी जनसंख्या में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। बिजनौर में आए दिन तेंदुओं के हमले से स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं। पिछले ढाई साल में बिजनौर में 33 लोगों की मौत तेंदुओं के हमले में हो चुकी है। ऐसे में बिजनौर वन विभाग ने विस्तृत योजना बनाई है।
50 फीसदी तेंदुओं की नसबंदी करने की योजनाबिजनौर वन विभाग ने यूपी सरकार ने इंसानों और जंगली जानवरों के बीच बढ़ रहे संघर्ष को कम करने के लिए उनकी नसबंदी करने की अनुमति मांगी है। वन विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक 5 साल के भीतर कम से कम 50 फीसदी तेंदुओं की नसबंदी की जाएगी। इस पर 50 लाख रुपये का खर्च आएगा। पूरा प्रस्ताव करीब 650 करोड़ रुपये का है। इसमें 310 किलोमीटर की तारबंदी, हाथियों की एंट्री को रोकने के लिए गड्ढे खोदना, वाइल्डलाइफ अस्पताल खोलना और उपकरण व ट्रेनिंग पर होने वाला खर्च शामिल है। बिजनौर सब डिविजनल वन अधिकारी ज्ञान सिंह ने TOI से बातचीत में कहा कि वाइल्डलाइफ के मामले में यह जिला काफी समृद्ध है। बिजनौर में घने जंगल है। इसके अलावा गन्ने के खेत और आमों के बाघ हैं, जो तेंदुओं के छिपने के लिए बहुत ही मुफीद है।
450 गांवों तक फैले तेंदुएबिजनौर में करीब 10 साल पहले तक तेंदुओं की आबादी अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास के 4-5 गांवों तक ही सीमित थी। लेकिन अब यह बढ़कर 450 गांवों तक पहुंच चुके हैं। दरअसल जंगल में बाघों की संख्या बढ़ी तो इन्होंने गांवों का रुख कर लिया। यहां उन्हें गन्ने के खेतों में एक सुरक्षित आसरा मिल गया है। तेंदुए शर्मीले स्वभाव के होते हैं। गन्ने के खेत इन्हें नजरों से दूर रहने का अच्छा मौका देते हैं। इसी वजह से इनकी आबादी भी तेजी से बढ़ रही है।
यूपी में कितने तेंदुएभारत में 2022 में तेंदुओं की गिनती हुई थी। तब देश में करीब 13,874 तेंदुए गिने गए थे। हालांकि इनमें उन इलाकों को शामिल नहीं किया गया था, जहां बाघों की आबादी नहीं है। 2018 की तुलना में यह बढ़ोतरी 8 फीसदी थी। 2018 में 12,852 तेंदुए थे। यूपी की बात करें तो यहां तेंदुओं की संख्या 371 तक थी, जो निश्चित तौर पर अब काफी बढ़ चुकी है। अगर बात सिर्फ बिजनौर की करें तो 2023 से सितंबर, 2024 के बीच 67 तेंदुओं को यहां से पकड़ा जा चुका है।
दरअसल तेंदुओं की आबादी बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। किसी अन्य जंगली जानवर की जनसंख्या इतनी तेजी से नहीं बढ़ी है। 2018 से 2022 के बीच इनकी जनसंख्या में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। बिजनौर में आए दिन तेंदुओं के हमले से स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं। पिछले ढाई साल में बिजनौर में 33 लोगों की मौत तेंदुओं के हमले में हो चुकी है। ऐसे में बिजनौर वन विभाग ने विस्तृत योजना बनाई है।
50 फीसदी तेंदुओं की नसबंदी करने की योजनाबिजनौर वन विभाग ने यूपी सरकार ने इंसानों और जंगली जानवरों के बीच बढ़ रहे संघर्ष को कम करने के लिए उनकी नसबंदी करने की अनुमति मांगी है। वन विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक 5 साल के भीतर कम से कम 50 फीसदी तेंदुओं की नसबंदी की जाएगी। इस पर 50 लाख रुपये का खर्च आएगा। पूरा प्रस्ताव करीब 650 करोड़ रुपये का है। इसमें 310 किलोमीटर की तारबंदी, हाथियों की एंट्री को रोकने के लिए गड्ढे खोदना, वाइल्डलाइफ अस्पताल खोलना और उपकरण व ट्रेनिंग पर होने वाला खर्च शामिल है। बिजनौर सब डिविजनल वन अधिकारी ज्ञान सिंह ने TOI से बातचीत में कहा कि वाइल्डलाइफ के मामले में यह जिला काफी समृद्ध है। बिजनौर में घने जंगल है। इसके अलावा गन्ने के खेत और आमों के बाघ हैं, जो तेंदुओं के छिपने के लिए बहुत ही मुफीद है।
450 गांवों तक फैले तेंदुएबिजनौर में करीब 10 साल पहले तक तेंदुओं की आबादी अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास के 4-5 गांवों तक ही सीमित थी। लेकिन अब यह बढ़कर 450 गांवों तक पहुंच चुके हैं। दरअसल जंगल में बाघों की संख्या बढ़ी तो इन्होंने गांवों का रुख कर लिया। यहां उन्हें गन्ने के खेतों में एक सुरक्षित आसरा मिल गया है। तेंदुए शर्मीले स्वभाव के होते हैं। गन्ने के खेत इन्हें नजरों से दूर रहने का अच्छा मौका देते हैं। इसी वजह से इनकी आबादी भी तेजी से बढ़ रही है।
यूपी में कितने तेंदुएभारत में 2022 में तेंदुओं की गिनती हुई थी। तब देश में करीब 13,874 तेंदुए गिने गए थे। हालांकि इनमें उन इलाकों को शामिल नहीं किया गया था, जहां बाघों की आबादी नहीं है। 2018 की तुलना में यह बढ़ोतरी 8 फीसदी थी। 2018 में 12,852 तेंदुए थे। यूपी की बात करें तो यहां तेंदुओं की संख्या 371 तक थी, जो निश्चित तौर पर अब काफी बढ़ चुकी है। अगर बात सिर्फ बिजनौर की करें तो 2023 से सितंबर, 2024 के बीच 67 तेंदुओं को यहां से पकड़ा जा चुका है।
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