घाटशिलाः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के लोगों से कहा कि वे उन नेताओं से सावधान रहें जो 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में अपने स्वार्थ के लिए वोट मांगने आते हैं। हेमंत सोरेन ने घाटशिला सीट के अंतर्गत मुसाबनी में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उनका इशारा पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की ओर था जो राज्य विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल अगस्त में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)में शामिल हो गए थे।
अधिकतर भाषण संथाली भाषा में
उन्होंने कहा कि ‘कई लोग, जिनमें कुछ पहले हमारे बीच थे, अपने स्वार्थ के लिए उपचुनाव में आपसे वोट मांगने आएंगे। लेकिन उपचुनाव आदिवासियों और मूलवासियों सहित आम जनता के अधिकारों के लिए है, स्वार्थी लोगों के लिए नहीं।’’ मुख्यमंत्री ने अपना अधिकतर भाषण संथाली भाषा में दिया। झामुमो विधायक और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के 15 अगस्त को निधन के बाद घाटशिला विधानसभा उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया था।
रामदास सोरेन के बेटे सोमेश चंद्र सोरेन मैदान में
झामुमो ने दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)ने भाजपा विधायक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है। बाबूलाल 2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास से लगभग 22,000 मतों से हार गए थे।
विपक्षी दल बड़े-बड़े वादे करेंगे
दशकों तक झामुमो के संरक्षक शिबू सोरेन के साथ काम करने वाले चंपई सोरेन पिछले साल भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद कथित तौर पर मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए मजबूर किए जाने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। हेमंत सोरेन ने रिहा होने के बाद दो राज्य सरकार की कमान संभाली थी। हेमंत सोरेन ने दावा किया कि वे (विपक्षी दल) बड़े-बड़े वादे करेंगे, लेकिन झामुमो के अलावा कोई भी लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाएं मुहैया नहीं करा पाएगा।
मुख्यमंत्री ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि सोमेश चंद्र सोरेन को उनके पिता की मृत्यु के बाद मंत्री क्यों नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अच्छी तरह पता है कि कब किस को मंत्री बनाना है। वह (सोमेश) एक कुशल नेता हैं और हम उन्हें अगली पीढ़ी का नेता बनाने के लिए प्रशिक्षित करेंगे।
अधिकतर भाषण संथाली भाषा में
उन्होंने कहा कि ‘कई लोग, जिनमें कुछ पहले हमारे बीच थे, अपने स्वार्थ के लिए उपचुनाव में आपसे वोट मांगने आएंगे। लेकिन उपचुनाव आदिवासियों और मूलवासियों सहित आम जनता के अधिकारों के लिए है, स्वार्थी लोगों के लिए नहीं।’’ मुख्यमंत्री ने अपना अधिकतर भाषण संथाली भाषा में दिया। झामुमो विधायक और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के 15 अगस्त को निधन के बाद घाटशिला विधानसभा उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया था।
रामदास सोरेन के बेटे सोमेश चंद्र सोरेन मैदान में
झामुमो ने दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)ने भाजपा विधायक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है। बाबूलाल 2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास से लगभग 22,000 मतों से हार गए थे।
विपक्षी दल बड़े-बड़े वादे करेंगे
दशकों तक झामुमो के संरक्षक शिबू सोरेन के साथ काम करने वाले चंपई सोरेन पिछले साल भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद कथित तौर पर मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए मजबूर किए जाने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। हेमंत सोरेन ने रिहा होने के बाद दो राज्य सरकार की कमान संभाली थी। हेमंत सोरेन ने दावा किया कि वे (विपक्षी दल) बड़े-बड़े वादे करेंगे, लेकिन झामुमो के अलावा कोई भी लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाएं मुहैया नहीं करा पाएगा।
मुख्यमंत्री ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि सोमेश चंद्र सोरेन को उनके पिता की मृत्यु के बाद मंत्री क्यों नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अच्छी तरह पता है कि कब किस को मंत्री बनाना है। वह (सोमेश) एक कुशल नेता हैं और हम उन्हें अगली पीढ़ी का नेता बनाने के लिए प्रशिक्षित करेंगे।
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