नई दिल्ली : पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। इस सीरीज के पहले मुकाबले को पाकिस्तान की टीम ने 93 रनों से अपने नाम कर लिया। पाकिस्तान की टीम ने इस मुकाबले में एक समय पर सोचा होगा कि वह बड़ी आसानी के साथ इस मुकाबले को जीत जाएंगे, लेकिन साउथ अफ्रीका के युवा बल्लेबाज डेवाल्ड ब्रेविस कुछ अलग ही इरादे के साथ मैदान पर उतरे थे।
डोवाल्ड ब्रेविस ने पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर टेस्ट की दूसरी पारी में दबाव में शानदार अर्धशतकीय पारी खेलकर अपनी काबिलियत साबित की और पाकिस्तान को इस जीत को हासिल करने के लिए मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने महज 22 साल की उम्र में तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और T20) में साउथ अफ्रीका के लिए नियमित हो चुके इस खिलाड़ी का यह प्रदर्शन टीम मैनेजमेंट के लिए एक बड़ा संकेत है।
शर्मनाक हार से बचाया
लाहौर टेस्ट में साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 277 रनों का विशाल लक्ष्य मिला था। एक समय टीम का स्कोर 55 रन पर 4 विकेट हो गया था और वह हार के कगार पर खड़ी थी। तभी नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने आए ब्रेविस ने स्थिति को संभाला। भले ही वह पहली पारी में शून्य पर आउट हो गए थे, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने तूफानी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। उन्होंने लगभग 100 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए 6 चौके और 2 छक्के जड़े। ब्रेविस और रयान रिकेल्टन की साझेदारी से टीम का स्कोर 55/4 से बढ़कर 128/4 तक पहुंच गया था, जिससे एक समय मैच का पासा पलटता हुआ लग रहा था, लेकिन फिर विकेट गिरने के बाद साउथ अफ्रीका की टीम संभल नहीं सकी।
अनलॉकेबल डिलीवरी पर हुए आउट
यह प्रदर्शन इसलिए भी खास है क्योंकि यह ब्रेविस का सिर्फ तीसरा टेस्ट मैच था और एशिया की परिस्थितियों में उनका पहला टेस्ट उनकी ताबड़तोड़ पारी का अंत बाएं हाथ के स्पिनर नोमान अली की एक बेहतरीन गेंद पर हुआ। गेंद लेग स्टंप पर पिच हुई, तेजी से टर्न हुई और सीधे ऑफ स्टंप के टॉप को जा लगी। इस अनलॉकेबल डिलीवरी पर आउट होने के बावजूद, उनकी इस आक्रामक पारी ने टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने में मदद की थी।
डोवाल्ड ब्रेविस ने पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर टेस्ट की दूसरी पारी में दबाव में शानदार अर्धशतकीय पारी खेलकर अपनी काबिलियत साबित की और पाकिस्तान को इस जीत को हासिल करने के लिए मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने महज 22 साल की उम्र में तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और T20) में साउथ अफ्रीका के लिए नियमित हो चुके इस खिलाड़ी का यह प्रदर्शन टीम मैनेजमेंट के लिए एक बड़ा संकेत है।
शर्मनाक हार से बचाया
लाहौर टेस्ट में साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 277 रनों का विशाल लक्ष्य मिला था। एक समय टीम का स्कोर 55 रन पर 4 विकेट हो गया था और वह हार के कगार पर खड़ी थी। तभी नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने आए ब्रेविस ने स्थिति को संभाला। भले ही वह पहली पारी में शून्य पर आउट हो गए थे, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने तूफानी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। उन्होंने लगभग 100 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए 6 चौके और 2 छक्के जड़े। ब्रेविस और रयान रिकेल्टन की साझेदारी से टीम का स्कोर 55/4 से बढ़कर 128/4 तक पहुंच गया था, जिससे एक समय मैच का पासा पलटता हुआ लग रहा था, लेकिन फिर विकेट गिरने के बाद साउथ अफ्रीका की टीम संभल नहीं सकी।
अनलॉकेबल डिलीवरी पर हुए आउट
यह प्रदर्शन इसलिए भी खास है क्योंकि यह ब्रेविस का सिर्फ तीसरा टेस्ट मैच था और एशिया की परिस्थितियों में उनका पहला टेस्ट उनकी ताबड़तोड़ पारी का अंत बाएं हाथ के स्पिनर नोमान अली की एक बेहतरीन गेंद पर हुआ। गेंद लेग स्टंप पर पिच हुई, तेजी से टर्न हुई और सीधे ऑफ स्टंप के टॉप को जा लगी। इस अनलॉकेबल डिलीवरी पर आउट होने के बावजूद, उनकी इस आक्रामक पारी ने टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने में मदद की थी।
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