बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के दुर्ग से मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार ननों के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। बिलासपुर एनआईए कोर्ट में शनिवार के दिन मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद दोनों ननों को एनआईए कोर्ट ने जमानत दे दी है। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद पीड़ित पक्ष की बेल पर फैसला सुनाया गया।
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
बता दें कि 25 जुलाई को दुर्ग से ननों को गिरफ्तार किया गया था। पीड़ित पक्ष ने बेल के लिए अप्लीकेशन लगाई थी। इसके बाद इनकी सुनवाई बिलासपुर के एनआईए के कोर्ट में हुई। बीते एक अगस्त के दिन एनआईए कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद शनिवार के दिन उन्होंने फैसला सुनाते हुए दोनों ननों को बेल दे दी है। ननों के वकील अमृतो दास ने बताया कि कोर्ट ने तीनों को सशर्त जमानत दे दी है।
मानव तस्करी के आरोप में हुई थी गिरफ्तार
25 जुलाई के दिन आगरा जा रही ट्रेन में दोनों ननों को नारायणपुर की 3 महिलाओं के साथ पकड़ा गया था। बजरंग दल की एक कार्यकर्ता की शिकायत पर रेल पुलिस ने नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। उन पर जबरन धर्म परिवर्तन और मानव तस्करी का आरोप लगा था।
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
बता दें कि 25 जुलाई को दुर्ग से ननों को गिरफ्तार किया गया था। पीड़ित पक्ष ने बेल के लिए अप्लीकेशन लगाई थी। इसके बाद इनकी सुनवाई बिलासपुर के एनआईए के कोर्ट में हुई। बीते एक अगस्त के दिन एनआईए कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद शनिवार के दिन उन्होंने फैसला सुनाते हुए दोनों ननों को बेल दे दी है। ननों के वकील अमृतो दास ने बताया कि कोर्ट ने तीनों को सशर्त जमानत दे दी है।
मानव तस्करी के आरोप में हुई थी गिरफ्तार
25 जुलाई के दिन आगरा जा रही ट्रेन में दोनों ननों को नारायणपुर की 3 महिलाओं के साथ पकड़ा गया था। बजरंग दल की एक कार्यकर्ता की शिकायत पर रेल पुलिस ने नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। उन पर जबरन धर्म परिवर्तन और मानव तस्करी का आरोप लगा था।