संदीप तिवारी, लखनऊ: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज द्वारा हाल ही में महिलाओं पर दिए गए एक विवादित बयान को लेकर सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि समाज में तमाम तरह के लोग होते हैं और जरूरी नहीं कि हर किसी के बयान का जवाब दिया जाए।
शनिवार को कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे बयान देते हैं। हर बात का जवाब देना आवश्यक नहीं होता। जो लोग समाज को तोड़ने या भ्रम फैलाने का काम करते हैं, उन्हें अनदेखा करना ही बेहतर होता है। मंत्री ने कहा कि इस तरह के बयानों पर अधिक प्रतिक्रिया देना, ऐसे लोगों को और मंच प्रदान करना है।
...पर मर्यादा भी होनी चाहिए
जयवीर सिंह ने आगे कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी कुछ भी बोल दे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि आप सामाजिक समरसता को बिगाड़ने वाले बयान दें। जो लोग यह करते हैं, वे अपने निजी स्वार्थ के लिए समाज में जहर घोलने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान विकास, कानून-व्यवस्था और जनकल्याण पर है, न कि ऐसे बयानों पर। उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि ऐसे लोगों को अनावश्यक तवज्जो न दी जाए, जो सिर्फ लोकप्रियता पाने के लिए विवाद खड़ा करते हैं।
विपक्ष ने भी साधा निशाना
हालांकि, इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। कुछ विपक्षी नेताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में सरकार को तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि समाज में सौहार्द बना रहे, लेकिन जयवीर सिंह के बयान से साफ है कि सरकार इस मामले को अधिक तूल नहीं देना चाहती और ऐसे बयानों को नजरअंदाज करने की नीति अपना रही है।
Video
क्या है पूरा मामला?
धार्मिक प्रवचनकार अनिरुद्धाचार्य महाराज ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसा बयान दिया, जिसे कई वर्गों ने आपत्तिजनक और विभाजनकारी बताया। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की और सरकार से इस पर कार्रवाई की मांग की। हालांकि, अनिरुद्धाचार्य की ओर से इस मामले पर माफी मांगी गई है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा दिया गया बयान सभी बहनों के लिए नहीं था, फिर भी अगर हमारी बहनों को बुरा लगा है, उसके लिए उन्हें माफ करें। वहीं, इस मुद्दे पर समाज के विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
शनिवार को कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे बयान देते हैं। हर बात का जवाब देना आवश्यक नहीं होता। जो लोग समाज को तोड़ने या भ्रम फैलाने का काम करते हैं, उन्हें अनदेखा करना ही बेहतर होता है। मंत्री ने कहा कि इस तरह के बयानों पर अधिक प्रतिक्रिया देना, ऐसे लोगों को और मंच प्रदान करना है।
...पर मर्यादा भी होनी चाहिए
जयवीर सिंह ने आगे कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी कुछ भी बोल दे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि आप सामाजिक समरसता को बिगाड़ने वाले बयान दें। जो लोग यह करते हैं, वे अपने निजी स्वार्थ के लिए समाज में जहर घोलने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान विकास, कानून-व्यवस्था और जनकल्याण पर है, न कि ऐसे बयानों पर। उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि ऐसे लोगों को अनावश्यक तवज्जो न दी जाए, जो सिर्फ लोकप्रियता पाने के लिए विवाद खड़ा करते हैं।
विपक्ष ने भी साधा निशाना
हालांकि, इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। कुछ विपक्षी नेताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में सरकार को तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि समाज में सौहार्द बना रहे, लेकिन जयवीर सिंह के बयान से साफ है कि सरकार इस मामले को अधिक तूल नहीं देना चाहती और ऐसे बयानों को नजरअंदाज करने की नीति अपना रही है।
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क्या है पूरा मामला?
धार्मिक प्रवचनकार अनिरुद्धाचार्य महाराज ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसा बयान दिया, जिसे कई वर्गों ने आपत्तिजनक और विभाजनकारी बताया। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की और सरकार से इस पर कार्रवाई की मांग की। हालांकि, अनिरुद्धाचार्य की ओर से इस मामले पर माफी मांगी गई है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा दिया गया बयान सभी बहनों के लिए नहीं था, फिर भी अगर हमारी बहनों को बुरा लगा है, उसके लिए उन्हें माफ करें। वहीं, इस मुद्दे पर समाज के विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
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