नई दिल्ली: जियो का आईपीओ 2026 की पहली छमाही में आने की उम्मीद है। लिस्टिंग के बाद यह भारत की टॉप तीन कंपनियों में शामिल हो सकती है। निवेश बैंकरों का अनुमान है कि जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड का वैल्यूएशन 170 अरब डॉलर (लगभग 15 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचने के आसार हैं। यह उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस से जुड़ी किसी बड़ी कंपनी का 2006 के बाद पहला पब्लिक ऑफर होगा।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, निवेश बैंकरों ने जियो के लिए 130 अरब डॉलर से लेकर 170 अरब डॉलर तक का वैल्यूएशन सुझाया है। इस पर अभी बातचीत चल रही है। कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इससे पहले, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने सितंबर 2027 तक जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड का वैल्यूएशन 148 अरब डॉलर कर दिया था।
मुकेश अंबानी ने दिए थे ये संकेत
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगस्त में कहा था कि जियो की लिस्टिंग 2026 की पहली छमाही में हो सकती है। अंबानी 2019 से ही जियो के आईपीओ की बात कर रहे हैं। 2020 में मेटा प्लेटफॉर्म्स (फेसबुक) और अल्फाबेट (गूगल) जैसी बड़ी कंपनियों ने जियो में 10 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया था।
जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड का यह संभावित आईपीओ रिलायंस से जुड़ी किसी बड़ी यूनिट का 2006 के बाद पहला पब्लिक ऑफर होगा। इससे पहले 2006 में रिलायंस पेट्रोलियम की लिस्टिंग हुई थी।
अगर जियो का वैल्यूएशन 170 अरब डॉलर तक पहुंचता है तो यह भारती एयरटेल जैसी कंपनियों से काफी आगे निकल जाएगी। भारती एयरटेल का मौजूदा वैल्यूएशन लगभग 12.7 लाख करोड़ रुपये (143 अरब डॉलर) है। जियो की लिस्टिंग के बाद यह भारत की सबसे बड़ी दो या तीन कंपनियों में अपनी जगह बना सकती है।
50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक
सितंबर के अंत तक जियो के पास लगभग 50.6 करोड़ ग्राहक थे। कंपनी का प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) 211.4 रुपये था। एआरपीयू का मतलब है कि हर ग्राहक से कंपनी को हर महीने औसतन कितना पैसा मिल रहा है।
इस पूरे मामले पर रिलायंस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। जियो का यह कदम टेलीकॉम और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलेगा।
अब तक का सबसे बड़ा हो सकता है आईपीओ
निवेशकों की नजरें जियो के आईपीओ पर टिकी हैं। कारण है कि यह कंपनी पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। जियो ने भारत में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को सस्ता और सुलभ बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके आईपीओ से बाजार में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है।
जियो का आईपीओ रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। कारण है कि यह कंपनी के डिजिटल व्यवसाय को और मजबूत करेगा। जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड रिलायंस की एक प्रमुख सहायक कंपनी है जो टेलीकॉम, डिजिटल सेवाओं और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में काम करती है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, निवेश बैंकरों का मानना है कि जियो का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। यह न केवल रिलायंस के लिए बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा अवसर होगा।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, निवेश बैंकरों ने जियो के लिए 130 अरब डॉलर से लेकर 170 अरब डॉलर तक का वैल्यूएशन सुझाया है। इस पर अभी बातचीत चल रही है। कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इससे पहले, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने सितंबर 2027 तक जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड का वैल्यूएशन 148 अरब डॉलर कर दिया था।
मुकेश अंबानी ने दिए थे ये संकेत
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगस्त में कहा था कि जियो की लिस्टिंग 2026 की पहली छमाही में हो सकती है। अंबानी 2019 से ही जियो के आईपीओ की बात कर रहे हैं। 2020 में मेटा प्लेटफॉर्म्स (फेसबुक) और अल्फाबेट (गूगल) जैसी बड़ी कंपनियों ने जियो में 10 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया था।
जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड का यह संभावित आईपीओ रिलायंस से जुड़ी किसी बड़ी यूनिट का 2006 के बाद पहला पब्लिक ऑफर होगा। इससे पहले 2006 में रिलायंस पेट्रोलियम की लिस्टिंग हुई थी।
अगर जियो का वैल्यूएशन 170 अरब डॉलर तक पहुंचता है तो यह भारती एयरटेल जैसी कंपनियों से काफी आगे निकल जाएगी। भारती एयरटेल का मौजूदा वैल्यूएशन लगभग 12.7 लाख करोड़ रुपये (143 अरब डॉलर) है। जियो की लिस्टिंग के बाद यह भारत की सबसे बड़ी दो या तीन कंपनियों में अपनी जगह बना सकती है।
50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक
सितंबर के अंत तक जियो के पास लगभग 50.6 करोड़ ग्राहक थे। कंपनी का प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) 211.4 रुपये था। एआरपीयू का मतलब है कि हर ग्राहक से कंपनी को हर महीने औसतन कितना पैसा मिल रहा है।
इस पूरे मामले पर रिलायंस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। जियो का यह कदम टेलीकॉम और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलेगा।
अब तक का सबसे बड़ा हो सकता है आईपीओ
निवेशकों की नजरें जियो के आईपीओ पर टिकी हैं। कारण है कि यह कंपनी पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। जियो ने भारत में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को सस्ता और सुलभ बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके आईपीओ से बाजार में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है।
जियो का आईपीओ रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। कारण है कि यह कंपनी के डिजिटल व्यवसाय को और मजबूत करेगा। जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड रिलायंस की एक प्रमुख सहायक कंपनी है जो टेलीकॉम, डिजिटल सेवाओं और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में काम करती है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, निवेश बैंकरों का मानना है कि जियो का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। यह न केवल रिलायंस के लिए बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा अवसर होगा।
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