अहमदाबाद: भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन ने इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट डेब्यू किया था। अपनी पहली ही पारी में वह खाता खोले बिना आउट हो गए। दूसरे और तीसरे टेस्ट में वह बेंच पर ररहे। चौथे टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने फिफ्टी लगाई लेकिन फिर दूसरी पारी में खाता नहीं खोल पाए। आखिरी टेस्ट में सुदर्शन के बल्ले से 38 और 11 रनों की पारी निकली। इस प्रदर्शन के बाद भी करुण नायर को ड्रॉप करके सुदर्शन को वेस्टइंडीज सीरीज के लिए टीम में रखा गया।
सुदर्शन सस्ते में हुए आउट
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में साई सुदर्शन को खेलने का मौका मिला। वह नंबर-3 पर बैटिंग करने उतरे और सस्ते में आउट हो गए। वेस्टइंडीज के कप्तान रोस्टन चेस ने उन्हें आउट किया। ऑफ स्पिनर चेस ने तेज गेंद डाली। सुदर्शन लेंथ नहीं समझ पाए और बैकफुट से पुल करने की कोशिश की। गेंद बल्ले पर नहीं लगी और सीधे पैड से जा टकराई। वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने अंपायर की उंगली उठने से पहले ही सेलिब्रेट करना शुरू कर दिया।
डीआरएस नहीं ले पाए सुदर्शन
अंपायर की उंगली खड़ी होने के बाद साई सुदर्शन ने रिव्यू भी नहीं लिया। उन्हें भी पता था कि बचने की कोई उम्मीद नहीं है। 19 गेंदों पर 7 रनों की पारी खेलकर वह पवेलियन लौटे। साई सुदर्शन ने जब भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था तो उनका फर्स्ट क्लास क्रिकेट में औसत 40 से कम का था। 1988 के बाद वह पहले भारतीय प्रमुख बल्लेबाज हैं, जिन्हें 40 से कम के औसत से बाद भी फर्स्ट क्लास डेब्यू का मौका मिला।
नंबर-3 पर बड़ी जिम्मेदारी
साई सुदर्शन जिस नंबर पर खेल रहे हैं, वह टेस्ट में काफी अहम होता है। तीसरे नंबर पर एक समय भारत के लिए राहुल द्रविड़ खेलते थे। उन्होंने यहां 10 हजार से ज्यादा रन बनाए। उनके संन्यास लेते ही चेतेश्वर पुजारा आ गए। उनका भी तीसरे नंबर पर 6529 रन हैं। पुजारा के टॉप होने के बाद गिल को यहां मौका मिला लेकिन वह बड़ा कमाल नहीं कर पाए। 37 की औसत से 1019 रन बना सके। अब गिल चौथे नंबर पर चले गए हैं। साई को नंबर-3 पर मौका मिल रहा लेकिन उन्हें यहां जल्दी रन बनाने पड़ेंगे।
सुदर्शन सस्ते में हुए आउट
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में साई सुदर्शन को खेलने का मौका मिला। वह नंबर-3 पर बैटिंग करने उतरे और सस्ते में आउट हो गए। वेस्टइंडीज के कप्तान रोस्टन चेस ने उन्हें आउट किया। ऑफ स्पिनर चेस ने तेज गेंद डाली। सुदर्शन लेंथ नहीं समझ पाए और बैकफुट से पुल करने की कोशिश की। गेंद बल्ले पर नहीं लगी और सीधे पैड से जा टकराई। वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने अंपायर की उंगली उठने से पहले ही सेलिब्रेट करना शुरू कर दिया।
— . (@Okaykolu) October 2, 2025
डीआरएस नहीं ले पाए सुदर्शन
अंपायर की उंगली खड़ी होने के बाद साई सुदर्शन ने रिव्यू भी नहीं लिया। उन्हें भी पता था कि बचने की कोई उम्मीद नहीं है। 19 गेंदों पर 7 रनों की पारी खेलकर वह पवेलियन लौटे। साई सुदर्शन ने जब भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था तो उनका फर्स्ट क्लास क्रिकेट में औसत 40 से कम का था। 1988 के बाद वह पहले भारतीय प्रमुख बल्लेबाज हैं, जिन्हें 40 से कम के औसत से बाद भी फर्स्ट क्लास डेब्यू का मौका मिला।
नंबर-3 पर बड़ी जिम्मेदारी
साई सुदर्शन जिस नंबर पर खेल रहे हैं, वह टेस्ट में काफी अहम होता है। तीसरे नंबर पर एक समय भारत के लिए राहुल द्रविड़ खेलते थे। उन्होंने यहां 10 हजार से ज्यादा रन बनाए। उनके संन्यास लेते ही चेतेश्वर पुजारा आ गए। उनका भी तीसरे नंबर पर 6529 रन हैं। पुजारा के टॉप होने के बाद गिल को यहां मौका मिला लेकिन वह बड़ा कमाल नहीं कर पाए। 37 की औसत से 1019 रन बना सके। अब गिल चौथे नंबर पर चले गए हैं। साई को नंबर-3 पर मौका मिल रहा लेकिन उन्हें यहां जल्दी रन बनाने पड़ेंगे।
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